अपहृत भाजपा नेता की नक्सलियों ने की हत्या, हत्या से सहमा भाजपा नेता का परिवार, माओवादियों से डरा पूरा गांव

बिगुल
जगदलपुर. बस्तर संसदीय सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है लेकिन इसके पहले वहां से फिर एक दर्दनाक खबर आई है. जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भाजपा को यहां लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका उस समय लगा जब बीजापुर विधानसभा के दो सक्रिय भाजपा नेताओ की नक्सलियों ने सिलसिलेवार हत्या कर द
पहले बीजापुर के रहने वाले तिरुपति कटला और फिर जांगला के कैलाश नाग. यही कारण है कि आज जांगला गांव में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के बावजूद भय और मातम का घुप्प सन्नाटा पसरा हुआ है. यह वही जांगला गांव है जहां 15 अप्रैल 2018 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र पहुंचे थे. पीएम प्रवास के 6 साल बाद, बीते 6 मार्च 2024 के दिन माओवादियों ने भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैलाश नाग को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी.
इधर हत्या के बाद से कैलाश नाग का परिवार गांव छोड़कर बीजापुर बसना चाहता है. परिवार के सदस्यों में नक्सलियों का ऐसा खौफ गहरा गया है कि शाम ढल जाने के साथ ही घर के दरवाजे पर ताला लगाकर थाने के नजदीक अपने बनाए किराए के मकान में सोने को मजबूर हैं. अब यह परिवार छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ उम्मीद लगाए इंतजार कर रहा है कि बीजापुर जिला मुख्यालय में कैलाश नाग के परिवार के लिए आवास मिले तो उन्हें कुछ राहत मिले.
कैलाश को पहले भी मिल चुकी थी धमकियां
कैलाश नाग की पत्नी कमला कहती हैं कि वह 17 साल पहले दुल्हन बनकर इस गांव में आई थी. सब कुछ ठीक चल रहा था. पति राजनीति में जरूर थे मगर पार्टी के कामों में वह उनसे ज्यादा सक्रिय थी. हालांकि भ्राजपा में रहने की वजह से पति को धमकियां भी मिल रही थी, घटना से पहले भी घर के बाहर माओवादी पर्चा पड़ा मिला था जिसमे भाजपा छोड़कर कांग्रेस का समर्थन करने की चेतावनी लिखी गयी थी. जिस दिन कैलाश की हत्या हुई, उस दिन कैलाश कह निकले थे कि घर लौटने पर साथ भोजन करेंगे, लेकिन कैलाश नहीं लौटे. आई तो सिर्फ उनकी मौत की खबर. कैलाश और कमला के दो बच्चे हैं जो रायपुर के किसी अच्छे स्कूल में पढ़कर देश की सेवा करना चाहते हैं.



