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20 एकड़ में फैले तेंदू और साल के पेड़-पौधे जल गए! जशपुर के जंगल में आग लगी तो वन्य जीव गायब

जशपुर. गर्मी बढ़ते ही जिले के जंगल लगातार आग से धधक रहे हैं। धीरे धीरे यह आग जंगल के अन्य हिस्सों में भी फैलता जा रहा है।

जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की दोपहर दमेरा के निकट पांच जगह, सकरडेगा में तीन जगह और लोरो घाटी में एक जगह आग लगने की घटना हुई। इसमें तेंदू और साल के पेड़-पौधे जल गए। दमेरा में आग से करीब 20 एकड़ में फैले तेंदू और साल के पेड़-पौधे जल गए हैं। बड़े भूभाग में जंगल को आग से नुकसान पहुंचा है।

इसके बाद भी वन विभाग द्वारा आग को बुझाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. जिले से लगे दमेरा के जंगलों में आग लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिससे वन्य जीवों के लिए मुश्किल खड़ा हो चूका है। जल्द आग को बुझाने का प्रयास नहीं किया गया तो जानवरों के साथ ही कई पेड़ पौधे धधकती आग की चपेट में आ जाएँगी।

जानकारी के अनुसार बगीचा-चराई डाँड वन परिक्षेत्र के रानी कोम्बो जंगल में आग धधक रही है. आग की लपटें तेजी से हरे भरे जंगल को जला रही है. वन्यप्राणियों की क्षति भी हो रही है. मीडिया में छपी खबर के अनुसार कि वनपरिक्षेत्र के रेंज अधिकारी सुरेंद्र कुमार होता इस आग को काबू करने में नाकाम रहे हैं. उन्हें लपरवाही के चलते हटाया भी गया था, लेकिन फिर से सुरेंद्र कुमार होता को कुनकुरी का ही रेंजर बनाकर भेज दिया गया.

वन विभाग की लापरवाही आई सामने

कुनकुरी वनपरिक्षेत्र में वन अमले की जगह-जगह लापरवाही देखने को मिल रही है. जंगलों को आग से बचाने के लिए भारी-भरकम बजट लाखों रुपये खर्च भी किऐ जा रहे हैं, लेकिन फिर भी इसके जंगलों की आग रोक पाने में वन विभाग विफल रहा है. वन विभाग की लापरवाही को देख वन प्रेमियों में आक्रोश बढ़ने लगा है.

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