ब्रेकिंग : महादेव सट्टा में फंसे कारोबारी ने की आत्महत्या, छोड़ा सुसाइड नोट, जांच में जुटी पुलिस

बिगुल
रायपुर. महादेव सट्टा ऐप मामले में फंसकर एक कारोबारी ने आत्महत्या कर ली हैं. मामला राजधानी रायपुर के सिविल लाइन क्षेत्र का हैं. मृतक कारोबारी का नाम संदीप बग्गा हैं. मरने से पहले संदीप ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा हैं. पुलिस पूरे मामले की जाँच में जुट गई हैं.
संदीप बग्गा ने अपने सुसाइड नोट में धमकी का जिक्र किया हैं. नोट में महादेव सट्टा के पैनल ऑपरेटर नीतीश मित्तल से लेनदेन और पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी से डरने के कारण खुदकुशी करने का जिक्र किया गया हैं. पुलिस ने इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के सम्बन्ध में अपराध पंजीबद्ध कर लिया हैं
सुसाइड नोट में लिखी धमकी की बात
कारोबारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमे उन्होंने लिखा है कि एक श्रीमान पुलिस अधीक्षक, मैं संदीप बग्गा, नितेश मित्तल-गुप्ता जिसका की महादेव बुक ऐप और लोटस बुक एंव रेड्डी ऐप का लंबा चौड़ा कारोबार है. उसने मुझसे 15-15 लाख आईडी देने के नाम पर लिए और बाद में टालमटोल करने लगा. जब मैने आईडी मांगी तो अलग-अलग नंबर से जान से मारने की धमकी देने लगा. इसलिए मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हूं कृपया इसके ऊपर उचित कार्रवाई की जाए.
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा चर्चित महादेव सट्टा एप केस में ईडी शीघ्र ही पूरक परिवाद पेश करने वाली है। इस चार्ज शीट में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों, परिजनों के नाम शामिल हैं, जिन्हें आरोपी बनाने की तैयारी प्रवर्तन निदेशालय ने की है। ऐसे लोगों के संपर्क और कनेक्शन की जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसमें कई बड़े कारोबारी, स्कूल-कॉलेज संचालक से लेकर अधिकारी-कर्मचारियों के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इनके खिलाफ पड़ताल में ईडी को पर्याप्त सबूत और गवाह मिले हैं। इसलिए उनका नाम परिवाद में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा इसमें पिछली सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को भी आरोपी बनाने की तैयारी है। इसमें प्रमुख रूप से पूर्व सीएम के खास सिपहसालार का नाम भी शामिल है.
दुबई जाने वालों की सूची की जा रही तैयार
महादेव सट्टा ऐप केस में प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के शादी समारोह से लेकर उसकी हर साल होने वाली पार्टी के भी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। जिसमें उसकी पार्टी में विदेश जाने वालों की सूची तैयार की जा रही है। जिन लोगों से ईडी ने पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि इनमें कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें ईडी ने जांच के दायरे में शामिल नहीं किया है। पुलिस ने एक सप्ताह में 21 से अधिक लोगों को अरेस्ट किया है। इसमें पुलिस को बड़ा क्लू मिला है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है। इसी मामले में टेलीकॉम कंपनी और बैंक के अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।