विधायक, सांसदों की संतान को टिकट नही, दिल्ली में हुई बैठक में बीजेपी में बनी सहमति, पार्टी के लिए बेहद कठिन 18 विधानसभा सीटों की घोषणा जल्द
बिगुल
नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए दिल्ली में पीएम मोदी समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इस बार पार्टी बी सी और डी कैटेगिरी की सीटों पर ज्यादा फोकस करने और यहां जीत का फार्मूला तलाश करने जुट गई है.
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने साल 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव में जाने वाले राज्यों में उम्मीदवारों को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने इस तरह की बुधवार को पहली बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीटों व संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया है. भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के प्रमुख नेताओं के साथ सीटों की स्थिति, श्रेणी और संभावित उम्मीदवार को लेकर जानकारी ली.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी परिवारवाद को आगे बढ़ाने की इच्छुक नही है. वैसे भी पीएम मोदी इसके सख्त खिलाफ हैं और उन्होंने 15 अगस्त के अपने भाषण में इसे खत्म करने पर जोर दिया है. इसके बाद तय है कि विधायक, सांसदों की संतान को टिकट नही मिलेगी. पार्टी नेताओं ने दोनो राज्यों के सभी सीटों की जानकारी ली. इसमें दोनों राज्यों की सीटों को चार श्रेणियों में रखा गया है. सबसे पहले छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ बैठक हुई.
सूत्रों के अनुसार, इसमें बी, सी और डी श्रेणी की 27 सीटों को लेकर चर्चा की गई, बी श्रेणी यानी वे सीटें जिन पर जीत-हार होती रहती है. सी श्रेणी में वे सीटें रखी गई हैं, जो लगातार दो बार हारे हैं. छत्तीसगढ़ में भाजपा की इन दो श्रेणी में 22 सीटें हैं. डी श्रेणी यानी जिन पर कभी नहीं जीते, ऐसी सीटें 5 हैं और ए श्रेणी में वे सीटें रखी गई है जिसमें पार्टी अक्सर जीतती रही है. ऐसी सीटों पर उम्मीदवार पहले घोषित किए जाएंगे.