ब्रेकिंग : विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर दावा कर सकती है कांग्रेस..भाजपा ने कहा, पद छीनने की शुरुआत कांग्रेस ने की, अब किस मुंह से मांग रही, गेंद नेता प्रतिपक्ष महंत के पाले में !

बिगुल
रायपुर. आज से शुरू हो रहे पांच दिवसीय विधानसभा के मानसून सत्र के लिए रणनीति बनाने नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक एक निजी होटल संपन्न हुई.
बैठक में 24 जुलाई विधानसभा घेराव समेत कई मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को घेरने पर रणनीति बनी, इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्याशी चयन और प्रचार रणनीति को लेकर कुछ नाम प्रस्तावित करते हुए कहा कि नेता-प्रतिपक्ष और पीसीसी अध्यक्ष जैसा तय करेंगे वह हम सभी को स्वीकार्य होगा.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी मानसून सत्र छोटा होने के बावजूद इस बार दमखम से सरकार को घेरने की तैयारी में है. कानून-व्यवस्था के साथ-साथ कांग्रेस की योजनाओं का नाम बदले जाने को लेकर भी पार्टी के विधायक सरकार को घेरते नजर आएंगे. इसके साथ ही बलौदाबाजार हिंसा, आरंग मॉब लिंचिंग, बिजली कटौती, बिजली बिल, गौठनों को बंद करना, समर्थन मूल्य समेत कई मुद्दों को लेकर सदन में जमकर हंगामा होगा.
बैठक के बाद नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि प्रदेश के सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है, सदन में सभी मुद्दों को जोर-शोर से उठाया जाएगा.
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सभी पूरी ताकत के साथ विधानसभा घेराव के कार्यक्रम को सफल बनाए.
राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में कांग्रेस ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। इसे सफल बनाने के लिए जिलों में बैठकों का दौर जारी है।
सूत्रों से अपुष्ट खबर मिली है कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस बार विधानसभा उपाध्यक्ष पद की मांग कर सकती है। नियमानुसार यह पद विपक्ष के हिस्से ही जाता है मगर 2002 में अजीत जोगी सरकार ने अध्यादेश लाकर यह पद विपक्ष भाजपा से छीन लिया था। उसके बाद भाजपा की 15 साल सरकार रही लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष पद कांग्रेस के पास नहीं आ सका।
सूत्रों के मुताबिक इस पद पर चुनाव इस सत्र में होना मुश्किल है लेकिन इस पद पर विपक्ष ने स्वाभाविक हक जताया है। कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों का मानना है कि पार्टी को इसके लिए चुनाव चाहिए हालांकि सब कुछ नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत के फैसले पर निर्भर करेगा। माना जाता है कि फिलहाल इस सत्र में यह मांग रखना मुश्किल है।
कांग्रेस ने ही विपक्ष से छीना था यह पद : संजय श्रीवास्तव
भाजपा का तर्क है कि पद छीनने की गलत परम्परा कांग्रेस ने ही डाली थी, ऐसे में उसे यह पद कैसे मिल सकता है? भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि वैसे तो यह सरकार का मामला है। मगर नैतिकता की बात करें तो तत्कालीन जोगी सरकार ने अध्यादेश लाकर भाजपा से यह पद छीन लिया था। 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस के पास पुरानी गलती सुधारने का मौका था लेकिन उसने विधानसभा उपाध्यक्ष पद अपने ही पास रखा। अब वह किस मुंह से इस पद पर दावा कर रही है?
सरकार के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से चर्चा करके फैसला करेंगे। रमन सिंह की राय बेहद महत्वपूर्ण मानी जाएगी। समझा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष डा महंत और रमन सिंह के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हो सकती है।