छत्तीसघाटराजनीति

झलकियां : रमनसिंह विधायक पर उखड़े, छा गए सुशांत शुक्ला, डीजीपी ने देखा आईना, केदार की फतह, अमर-अटल भिड़े, ज्ञान बहिया, कवासी का नोबल पुरस्कार, कांग्रेस अंग्रेजों की, जानिए रोचक टिप्पणियां

डॉ.अनिल द्विवेदी

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की शुरूआत विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के आसंदी ग्रहण करने के साथ हुई मगर काफी हंगामेदार रहा. सत्ता-विपक्ष के बीच कानून व्यवस्था के मुद्दे पर तीखे आरोप प्रत्यारोप हुए तो सदस्यों के बीच हंसी ठिठौली और कटाक्ष करने का दौर भी देखा गया. विधानसभा की प्रमुख झलकियां देखिए :

सदन की कार्यवाही खत्म होते ही सदन के बाहर संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप को बधाईयां दी गईं. अपने ही स्थगन प्रस्ताव पर कांग्रेस ने जिस तरह मुंह की खाई, उसे केदार की अचूक रणनीति का कमाल बताया गया. हालांकि केदार ने इसका श्रेय डॉ. रमनसिंह को दिया. दरअसल संसदीय कार्यमंत्री के रूप में केदार कश्यप का पहला सत्र था इसलिए उनकी परीक्षा होनी ही थी. वरिष्ठ विधायकों से चर्चा, उन्हें आगे करना, रमनसिंह के साथ सहयोग, विपक्ष की रणनीति को पहले ही भांप लेना, इन सब पर केदार ने काफी मेहनत की थी. एक पत्रकार ने टिप्पणी की : केदार की कातिल मुस्कान.

कांग्रेस ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार को खूब घेरा. इस दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा सहयोगी अधिकारियों के साथ सदन में हुई विभागीय आलोचना को सुनते रहे. विधायक राम कुमार यादव ने उनकी ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सुनने की क्षमता है या नही.

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला सदन में मुखर दिखे. उन्होंने कांग्रेस विधायकों से कहा कि राजनीतिक भाषण मत दीजिए. इस पर विधायक उमेश पटेल से उनकी बहस हुई. सुशांत की शायरी चर्चा में रही कि ‘हम इसलिए चुप हैं कि तमाशा ना हो वरना एक सवाल के सौ सौ जवाब हैं.

विधायक राघवेंद्र सिंह ने यह कहते हुए सत्ता पक्ष को सुन्न कर दिया कि आपके मण्डल अध्यक्ष के यहां चोरी हुई तो एफआईआर तक नही लिख रहे थे. विधायक मोहन मंडावी बोले गृह मंत्री का जिला सबसे ज्यादा अपराधग्रस्त.

कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरा तो उन्हें विधायक सुशांत शुक्ला, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक अजय चंद्राकर, संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप के विरोध का सामना करना पड़ा. कश्यप बोले कि आपके लोग थाने में घुसकर गुण्डागर्दी करते थे. अटल ने एक अपराधी का नाम लिया तो सुशांत ने टोका कि अपराधी की जाति, धर्म समाज भी होता है क्या. सुशांत और अटल में बहस हुई. अमर अग्रवााल बोले कि आप बिलासपुर में रहते हैं. पुलिस मामले की जांच हुई तो बयान देने आपको बार बार बुलाया गया पर आप नही आए. पांच साल में अपने ही लोगों को न्याय नही दिला सके.
विधायक सुशांत शुक्ला को अटल श्रीवास्तव ने यह कहकर घेरा कि भाजपा राज में आप पर पुलिसिया दमन हुआ तो मैंने ही प्रशासनिक आतंकवाद कहकर विरोध किया था. विधायक अजय चंद्राकर ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि आप ही की विधायक ने इस सदन में पूछा था कि पुलिस का क्या रेट है. उनकी इस बात पर ठहाके लगे कि अमर की बात को अटल सीरियसली नही लेते. सदन से आवाज आई कि एक अमर है, एक अटल है.

विधायक राजेश मूणत ने दोनों के बीच बहस का यह कहकर समापन कराया कि बिलासपुर वालों बिलासपुर में निपट लेना. इस पर आसंदी पर विराजमान विधायक धरमजीत सिंह बोले हम सब चाय पीकर आपस में निपट लेंगे.

विधायक उमेश पटेल ने अजय चंद्राकर को ज्ञान बहिया’ कहकर कटाक्ष किया.

विधायक संगीता सिन्हा ने यह कहकर हंसा दिया कि एक पुलिस वाला कहता है कि छेड़खानी सामूहिक नही, एकांत में होती है.

विधायक राजेश मूणत ने संगीता यह कहकर टोका कि सभापति पर क्यों इल्जाम लगा रही हैं, चंद्राकर से निपट लेना.

विधायक भूपेश बघेल सदन में लौटे तो मूणत ने टिप्पणी की कि आंदोलन से आ रहे हैं और कपड़े एकदम सफेद झक. इस पर महंत मुस्कुरा दिए.

संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप बेहद मुखर दिखे. उन्होंने कवासी की टिप्पणी पर पलटवार किया कि इनका बस चले तो पाकिस्तान को शांति का नोबल पुरस्कार दे दें.

विधायक उमेश पटेल ने रायगढ़ में पत्रकार के साथ पुलिसिया अत्याचार पर आवाज उठाई तो राजेश मूणत ने पत्रकार सुनील नामदेव का मामला उठाकर उन्हें चुप कर दिया.

गृह मंत्री विजय शर्मा ने टिप्पणी की कि कांग्रेस के कार्यालय अंग्रेजों का ठिकाना थे तो इस पर हंगामा खड़ा हो गया. कांग्रेस के विधायक आरएसएस और तिरंगा झण्डा पर बोलने लगे. अजय चंद्राकर ने आपत्तिजनक बयान बताया. सदन तीन चार मिनट तक बाधित रहा. रमनसिंह ने कहा कि मैं इसे दिखवा लूंगा. आपत्तिजनक शब्द हटा दिए जाएंगे.

कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने गृह मंत्री को टोका तो रमनसिंह ने उनकी क्लास ले ली. बोले कि आपको कोई समस्या है क्या. बार बार क्यों खड़ा होते हो.

बलौदाबाजार हिंसा पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने ऐलान किया कि आंदोलन में कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे, देवेन्द्र यादव वहां मौजूद थे. जांच जारी है.

पूर्व विधायक शिव डहरिया का यह बयान भी सदन में गूंजा कि बलात्कार छोटा या बड़ा होता है.

विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि मुझे पर्याप्त सुरक्षा नही मिली है तो विधायक राजेश मूणत ने कटाक्ष किया कि जब आपकी सरकार बनी तो मेरे सुरक्षा गार्ड 15 दिन में छीन लिए थे.

कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव ने मांग की है कि मेरे को लेकर आई तथाकथित सीडी की सीबीआई जांच हो तो इस पर
मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सब मामलों की सीबीआई जांच हो बस रामकुमार यादव को छोड़ दिया जाए.

सदन के बाहर विधायक धरमजीत सिंह की टी शर्ट चर्चा में रही. एक विधायक ने कहा कि इस ब्राण्ड का देश में एक ही शोरूम है और वह है मुंबई में. सिंह मुस्कुराते रहे पर कीमत नही बताई.

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