एमपी पर्यटन में महिलाओं को मिलेगा नया अवसर, 40 हजार से अधिक महिलाएं होंगी प्रशिक्षित
बिगुल
मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए सरकार 40,000 से अधिक महिलाओं को पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है। भीड़भाड़ से दूर शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए 50 से अधिक नए ऑफबीट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं।
ये बातें प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के 39वें अधिवेशन के दूसरे दिन के पहले सत्र में कही। प्रमुख सचिव ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें 8 सेक्टर के 48 जॉब रोल्स में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाएगी। पर्यटन के माध्यम से महिलाओं को समुदाय के साथ जोड़ने के इस प्रयास को सरकार प्राथमिकता दे रही है।
नई पर्यटन स्थलों का विकास
शुक्ला ने बताया कि राज्य में भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों को प्रबंधित करने और शांति के लिए नए डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनबाउंड पर्यटन के लिए सही पारिस्थितिकी-तंत्र बनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें विभिन्न विभागों के समन्वय से संसाधनों का उपयोग कर बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। सत्र में उत्तर प्रदेश की विशेष सचिव पर्यटन सुश्री ईशा प्रिया और एबरक्रॉम्बी एंड केंट के एमडी विक्रम मधोक ने भी अपने विचार साझा किए। ईशा प्रिया ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और इसे मध्यम वर्ग के लिए अनुकूल बनाने के प्रयासों की जानकारी दी। विक्रम मधोक ने महामारी के बाद नए बाजारों में जाने और होमस्टे जैसी योजनाओं के माध्यम से पर्यटन का विस्तार करने पर बल दिया।
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महिला पर्यटकों के लिए सुरक्षित बनेगे पर्यटन स्थल
सम्मेलन में मध्य प्रदेश पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने प्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य, प्राचीन इतिहास, संरक्षित धरोहरें, और वन्य-जीवों की विविधता को रेखांकित किया। उन्होंने ट्रेवल एजेंट्स और टूर ऑपरेटर्स को मध्य प्रदेश आने का न्योता देते हुए इसे महिला पर्यटकों, विशेषकर एकल महिला पर्यटकों के लिए सुरक्षित बनाने के प्रयासों पर जोर दिया।