बैंक मैनेजर ने ग्राहक के 26 लाख रुपए ठगों को ट्रांसफर किए, छोटी सी गलती पड़ गई भारी
बिगुल
सायबर जालसाजों ने इंदौर में एसबीआई के एक मैनेजर को झांसे में लेकर एक ग्राहक के 26 लाख 99 हजार रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। संभवत देश में पहली बार इस तरह की कोई साइबर ठगी की घटना हुई है।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि एसबीआई के मैनेजर ब्रजेश चंदवानी को अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया। ठग ने कहा कि मैं महेंद्र पटेल ओशियन मोटर्स का डायरेक्टर बोल रहा हूं। मुझे किसी फंड में निवेश करना है। इस पर तत्कालीन बैंक मैनेजर ने ब्रांच में आने को कहा और कॉल काट दिया। इसके अगले दिन फिर उसी नंबर से अज्ञात ठग ने कॉल किया और कहा कि मुझे अर्जेंट पैसे ट्रांसफर करना है और मेरी चेक बुक खत्म हो गई है और नई चेक बुक आने में काफी टाइम लगेगा। मुझे अर्जेंट में कहीं पैसे ट्रांसफर करना है इसलिए मैं आपको अपनी कंपनी के लेटर हेड पर अधिकार पत्र पेमेंट ट्रांसफर करने हेतु, ईमेल कर अधिकृत कर रहा हूं। उसके अनुसार आप खातों में पेमेंट कर देना मैं शाम को आकर बैंक में इस संबंध में फॉर्मेलिटी पूरी कर दूंगा।
अज्ञात ठग ने फर्जी ईमेल आईडी भेजे
अज्ञात ठग ने इसके बाद मैनेजर को ओशियनमोटरप्राइवेटलिमिटेडएटदरेटजीमेल.कॉम से बैंक को मेल कर ओशियन मोटर के लेटर हेड पर ठग के बैंक खातों में पेमेंट ट्रांसफर करने का निवेदन किया। लेटर हेड पर डायरेक्टर के हस्ताक्षर एवं बैंक में मौजूद हस्ताक्षर का डाटा मेल करते हुए हस्ताक्षर हूबहू पाए। इस पर तत्कालीन बैंक मैनेजर द्वारा विश्वास करके उक्त ठग द्वारा कहे अनुसार फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक के खातों में कुल 26 लाख 99 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
ट्रांजेक्शन के बाद असली मैनेजर के बैंक खाते से नंबर निकाला, तब खुला मामला
इसके बाद जब बैंक मैनेजर ने ओशियन मोटर्स के असली मालिक के नंबर और बैंक खाते की डिटेल्स निकाली तो उसमें दूसरा मोबाइल नंबर निकला। उस नंबर पर संपर्क किया, तो असली मालिक ने किसी भी प्रकार का कोई ट्रांजेक्शन करने के निर्देश नहीं देना बताया, तब बैंक मैनेजर को ज्ञात हुआ कि किसी अज्ञात ठग ने गलत जानकारी देकर फर्जी ट्रांजेक्शन करवाए हैं और विश्वास में लेने के लिए फर्जी लीटर हेड एवं मेल आईडी से मेल भेजकर 26 लाख 99 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है।
तकनीकी टीम कर रही जांच
दंडोतिया ने बताया कि फरियादी की शिकायत के आधार पर पुलिस की क्राइम ब्रांच में बीएनएस के तहत धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) का प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु क्राइम ब्रांच टीम तकनीकी रूप से प्रयास कर रही है।