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महाराष्ट्र सीएम के बेटे ने तोड़े महाकाल मंदिर के नियम, सांसद श्रीकांत इतने लोगों के साथ गर्भगृह में गए

बिगुल
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था को लेकर बनाए गए नियम वीआईपी लगातार तोड़ रहे हैं। बीते गुरुवार की शाम को भी ऐसा ही हुआ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और मुंबई के कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे अपनी पत्नी वृशाली शिंदे के साथ बाबा के गर्भगृह में प्रवेश कर गए। इस दौरान उनके साथ दो लोगों भी गर्भगृह में पहुंचे। जहां, सभी ने संध्या आरती की तैयारी के बीच बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया और आशीर्वाद लेकर रवाना हो गए। यह चारों लोग करीब छह मिनट तक गर्भगृह में रहे। अब इसके फोटो-वीडियो सामने आए हैं।

वीआईपी द्वारा निमय तोड़ने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी प्रतिबंध के बावजूद कई वीआईपी लोगों ने गर्भगृह में जाकर बाबा के दर्शन किए थे। इसे लेकर बाबा के भक्तों में भी नाराजगी है। रेलिंग से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह में सभी का प्रवेश निषेध है तो फिर वीआईपी लोग, नेता और उनके परिवार के लोग गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजा-अर्चना क्यों कर रहे हैं।

छह मिनट गर्भगृह में रहे श्रीकांत शिंदे समेत चार लोग
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे अपनी पत्नी व दो अन्य लोगों के साथ शाम 5:38 से 5:44 तक बाबा महाकाल के गर्भगृह में रहे। इस दौरान उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की। उनके गर्भगृह में पूजा करने की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बता दें कि पिछले 14 महीने से बाबा महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश करने पर रोक लगी हुई है। ऐसे में सांसद श्रीकांत शिंदे का तीन अन्य लोगों के साथ गर्भगृह में प्रवेश करना विवाद का कारण बन गया है।

कांग्रेस ने बोला हमला
सांसद श्रीकांत शिंदे समेत चार लोगों के बाबा महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश करने पर कांग्रेस ने भी हमला बोला है। एमपी कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर लिख- सत्ता के मद में भाजपा और उनके सहयोगी दलों के नेता अपने आप को भगवान से भी ऊपर मानने लगे हैं। नीति, नियम और उनका पालन इन्हें कहां रास आएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे द्वारा बाबा महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ प्रवेश करना ना सिर्फ नियमों का बल्कि सुरक्षा का भी उल्लंघन है। मुख्यमंत्री स्वयं उज्जैन के हैं, मगर वे बाबा महाकाल मंदिर में नियमों का पालन नहीं करवा पा रहे। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने भी इसका कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा- जब सभी के लिए गर्भगृह में प्रवेश पर रोक है, तो फिर सांसद सहित तीन लोग कैसे और किसकी अनुमति से वहां पहुंच गए?

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