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जालसाजों को बेचे गए बैंक खातों की जांच शुरू, छानबीन के लिए इंदौर और बिहार पहुंची पुलिस

बिगुल
फर्जी आधार कार्ड से बैंक एकाउंक खोलकर सायबर जालसाजों को बेचने वाले गिरोह के 6 सदस्यों को न्यायालय में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। इसके साथ ही पुलिस की अलग-अलग टीमों को इंदौर और बिहार के लिए रवाना किया गया है।

यह टीमें प्रारंभिक जांच में सामने आए बैंक खातों की छानबीन कर पता लगाएंगी कि अब तक कितना ट्रांजेक्शन हो चुका है। इस मामले में अनडिलीवर आधार कार्ड उपलब्ध कराने वाले बिहार और झारखंड के डाकियों तथा खाता खोलने में लापरवाही बरतने वाले बैंक कर्मचारियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

जानकारी के अनुसार एक ही प्रकार के फोटो लगे अलग-अलग आधार कार्ड से मोबाइल सिम खरीदने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पिछले दिनों इब्राहिमपुरा स्थित एक फ्लैट पर दबिश दी थी। यहां से 6 युवक और एक युवती समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तलाशी में उनके पास सैकड़ों की संख्या में फर्जी आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पैनकार्ड, सिमकार्ड, 20 मोबाईल फोन, 2 प्रिंटर, 1 लैपटॉप, 1 पैन ड्राइव और 8 हिसाब किताब की कॉपियां जब्त की गई थी। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह अनडिलीवर हुए आधार कार्ड के माध्यम से पैन कार्ड बनवाते थे और बाद में उसी दस्तावेज से मोबाइल सिम खरीदकर बैंकों में खाते खुलवाते थे। बाद में यह खाते सायबर जालसाजी करने वालों को 10 हजार रुपए में बेच देते थे।

रिमांड पर लेकर चल रही पूछताछ
पुलिस ने इस मामले में आरोपी शशिकांत उर्फ मनीष, सपना उर्फ साधना पान, अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील, कौशल माली उर्फ पंकज, रोशन कुमार, रंजन कुमार उर्फ विनोद, और मोहम्मद टीटू उर्फ विजय बताए। यह सभी बिहार के रहने वाले हैं। इस मामले में युवती को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने अभी तक देश के विभिन्न शहरों से कुल 1800 मोबाइल सिम खरीदने की बात स्वीकार की है। भोपाल और इंदौर में करीब डेढ़ सौ बैंक एकाउंट्स का पता चला है, जिसकी छानबीन की जा रही है।

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