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कॉलर लगाकर जंगली हाथी को जंगल में छोड़ा, बीटीआर प्रबंधन रखेगा निगरानी

बिगुल
उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दूसरे जंगली हाथी को भी कॉलर पहनाकर जंगल में छोड़ दिया गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के झुंड से बिछड़कर चंदिया क्षेत्र में आ गया था। दो नवबंर को हाथी ने देवरा और चंदिया से जुड़े हुए क्षेत्र में तीन ग्रामीणों को कुचल दिया था, जिसमें दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी। एक ग्रामीण घायल भी हुआ था।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम सहित सामान्य वन मंडल और राज्य वन विकास निगम की टीम भी हाथी के निगरानी में जुटी हुई थी। हाथी ग्रामीणों पर हमला करने के बाद वापस धमोखर परिक्षेत्र के जंगलों से होते हुए खितौली कोर परिक्षेत्र के जंगल में अपना ठिकाना बनाया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम ने हाथी को खितौली परिक्षेत्र के जंगलों से तीन नवंबर को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर रखा। निगरानी के बाद हाथी को ताला परिक्षेत्र के जंगलों में लाया गया। जंगल में अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम तीन नवंबर के बाद से लगातार हाथी के व्यवहार की निगरानी में जुटी हुई थी।

जंगली हाथी को कॉलर पहनाने के लिए हाथी को लकड़ी का बाड़ा (क्रॉल) में कैद किया जाता है। हाथी को ट्रैकुलाइज करने के बाद महावत और कर्मचारी हाथी को गले में कॉलर पहनाते हैं। फिर एक इंजेक्शन ट्रैकुलाइज के असर को समाप्त करने के दिया जाता है। हाथी को बाड़ा से छोड़ दिया जाता है। एंटीना से हाथी की निगरानी की जाती है। पूरे ऑपरेशन की निगरानी फील्ड डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर करते हैं।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहले जंगली हाथी को 20 नवंबर को कॉलर पहनकर छोड़ा गया था। आज दूसरे हाथी को भी कॉलर पहनाकर छोड़ा जा रहा है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि आज जंगली हाथी को कॉलर पहनाकर जंगली हाथी को जंगल में छोड़ दिया गया है। नर की हाथी उम्र लगभग दस वर्ष होगी, निगरानी की जा रही है।

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