आईआईटी भिलाई की पहल: सरकारी स्कूल को लिया गोद; बच्चों को पढ़ा रहे एआई और रोबोटिक्स,150 टीचर को दी ट्रेनिंग

बिगुल
आईआईटी भिलाई ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत एक सरकारी स्कूल को गोद लिया है। ग्राम जेवरा-सिरसा के स्वामी आत्मानंद सरकारी स्कूल को गोद लेकर यहां के बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स से लेकर इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रॉनिक्स के बारे में पढ़ाई कराई जा रही है। वैदिक ज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान की शिक्षा दी जा रही है। आईआईटी भिलाई के विशेषज्ञ प्रोफेसर से लेकर खुद आई आईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश बच्चों की क्लास लेते हैं। बच्चों के पढ़ाई और प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए आधुनिक लैब बनाया गया है। बच्चों को आईआईटी की ओर से स्कूल मे सुविधाएं दी जा रही है।
बना रहे सॉफ्टवेयर
प्रोफेसर डॉ. गगन राज गुप्ता ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं, जो छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नों का अभ्यास करने में मदद करेगा। यह सॉफ्टवेयर एनसीईआरटी और सीजी बोर्ड के सिलेबस के साथ जुड़ा हुआ है। इसमें छात्र जब एक निश्चित संख्या में प्रश्न हल कर लेंगे, तो उन्हें फीडबैक मिलेगा कि कौन-सा विषय उनका मजबूत है और किसमें अधिक मेहनत की जरूरत है। शिक्षक भी इसके माध्यम से प्रत्येक छात्र की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से गाइड कर सकते हैं।
50 से 60 एक्टीविटिस बुकलेट तैयार कर रहे
बच्चे पढ़ाई ना छोड़े और उनका मन लगा रहे, इसके लिए आईआईटी भिलाई में जिले के 150 से ज्यादा सरकारी स्कूल के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है। इन्हें बच्चों को पढ़ाने का तरीका बताया गया। इसके अलावा 50 से 60 एक्टीविटिस बुकलेट तैयार किया जा रहा है। जिसे अन्य स्कूलों में भी दिया जाएगा। ताकि इसके माध्यम बच्चों को स्कूल में एक्टीविटिस कराया जा सके।
मॉडल स्कूल बनाने का मकसद
डायरेक्टर आईआईटी भिलाई प्रो.राजीव प्रकाश जी ने बताया कि इस स्कूल को मॉडल स्कूल बनाना चाहते हैं। एक ऐसा स्कूल जहां बच्चों को वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी का ज्ञान होगा। बच्चों को समाज और देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी बताई जा रही है। ताकि बच्चे बड़े होकर इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, किसान, व्यापारी कुछ भी अपनी जिम्मेदारी को न भूले।