पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के इन ठिकानों पर बनते थे फिदायीन, भारतीय वायुसेना ने किया तबाह
बिगुल
भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में किए गए हमले में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के दो बड़े केंद्रों को निशाना बनाया। ये दोनों केंद्र बहावलपुर और नारोवाल में थे और ये आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने, हथियारों का जखीरा रखने और पाकिस्तान से अफगानिस्तान से आए नाटो के हथियारों को छिपाने के लिए मशहूर थे।
बहावलपुर बना पहला निशाना
बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय एक बड़ा आतंकवादी केंद्र था। यहां पर मसूद अज़हर और उनके परिवार के लोग रहते थे। इस केंद्र में आतंकी प्रशिक्षण दिया जाता था और कई बार यहां से आतंकवादी भारत में हमले करने के लिए भेजे गए थे। बहावलपुर के इस केंद्र में पाकिस्तान से आए हथियारों को भी छिपाया जाता था। भारतीय वायु सेना के हमले में मसूद अज़हर के परिवार के 10 सदस्य और उनके 4 करीबी साथी मारे गए थे।
नारोवाल स्थित जैश-ए-मोहम्मद का दूसरा केंद्र था, जहां आतंकवादियों को फिलिस्तीन के हमास संगठन से ट्रेनिंग दी जाती थी। यहां से आतंकवादी पाकिस्तान और कश्मीर में घुसपैठ के लिए पाराग्लाइडिंग और सुरंगों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग प्राप्त करते थे। 2014 से, इस केंद्र का संबंध हमास से जुड़ा हुआ था, और यहां पर पाकिस्तान में आतंकवादियों को ऐसे प्रशिक्षण दिए जाते थे जो हमास के जिहाद से मेल खाते थे।
इन दोनों केंद्रों पर मिलती थी फिदायीन बनने की ट्रेनिंग
इन दोनों केंद्रों में आतंकवादियों को आत्मघाती हमलावर (फिदायीन) बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। कई आतंकवादी जिनके परिवार के सदस्य भी मसूद अज़हर के करीबी रिश्तेदार थे, इन्हीं केंद्रों से प्रशिक्षित होकर भारत में आतंकी हमलों में शामिल हुए। जैसे कि 2016 में पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला और 2020 में नागरोटा हमला।



