पढ़ाई के लिए रोजाना 50 किमी का सफर, प्रदेश में पाया नौवां स्थान, कोमल का कमाल
बिगुल
अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील के छोटे से गांव गौडारू में रहने वाले किसान कोमल केवट के बेटे अंशुल केवट ने कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 500 में से 492 अंक लाकर प्रदेश में नौवां स्थान और जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। विवेक स्कूल के छात्र अंशुल ने प्रतिदिन 4 से 6 घंटे की पढ़ाई कर यह सफलता अर्जित की। उसका सपना है कि वह आईएएस परीक्षा पास कर समाज की सेवा करे।
सफलता का श्रेय दादी, मां और शिक्षकों को
अंशुल ने अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय अपनी दादी शांति केवट, मां बूटी केवट और विवेक स्कूल के शिक्षकों को दिया है। उसने कहा- दादी खुद पढ़ीं-लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने उसे पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। उसकी सभी जरूरतों को पूरा किया। पढ़ाई के प्रति उसकी लगन को देखकर मां ने भी हर समय प्रोत्साहित किया। मां घर में ही छोटी सी मनिहारी और डेली नीड्स की दुकान चलाती हैं।
पिता को खेत में मिली जानकारी
पिता कोमल केवट (जो रोज की तरह खेत में काम कर रहे थे) को बेटे की सफलता की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने घर आकर तुरंत मिठाई मंगवाई और लोगों का मुंह मीठा कराया। बड़े भाई की इस सफलता से आठवीं में पढ़ रहा छोटा भाई अनुज भी बेहद खुश है।
बिना कोचिंग पाई सफलता
प्रतिदिन 2 से 3 घंटे पढ़ाई करने वाले अंशुल ने परीक्षा के समय 4 से 6 घंटे पढ़ाई शुरू कर दी थी। बिना कोचिंग के इस मुकाम पर पहुंचे अंशुल का कहना है कि टॉपर बनने के लिए रात-दिन पढ़ाई जरूरी नहीं है। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी जरूरी है। स्कूल के शिक्षकों से समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा, जिसके कारण प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान मिल सका। उनका मानना है कि मेहनत और लगन से किया गया कार्य ही सफलता दिलाता है।
प्रतिदिन 50 किलोमीटर का सफर
स्कूल से 25 किलोमीटर दूर रहने वाले अंशुल को प्रतिदिन 50 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था। वह सुबह 8 बजे गांव से बस पकड़कर स्कूल आता था। वापसी में बस न मिलने पर ऑटो या मैजिक वाहन से लौटता था। कक्षा 7 तक पास के गांव निगवानी में पढ़ाई करने के बाद कोतमा के विवेक शिक्षा निकेतन में प्रवेश लेकर आठवीं और नवमीं में भी सफलता पाई, और अब दसवीं बोर्ड में प्रदेश की मेरिट में स्थान प्राप्त किया। अंशुल की इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी की लहर है। स्कूल, मित्रों और क्षेत्रवासियों द्वारा उन्हें लगातार बधाइयां दी जा रही हैं।



