मंत्री टंकराम वर्मा बोले- रजिस्ट्री के नए नियमों से फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश, रिकॉर्ड भी होगा तत्काल अपडेट
बिगुल
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से रजिस्ट्री के नए नियमों और सम्पत्तियों के पंजीयन में शुरू किए गए 10 क्रांतिकारी परिवर्तनों पर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने नई सुविधाओं और तकनीकों के बारे में जानकारी दी। राजस्व मंत्री ने जमीनों की रजिस्ट्री के लिए नए नियमों को ऐतिहासिक व साहसिक निर्णय बताते हुए कहा कि समय की जरूरत के हिसाब से आमजनों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के नए नियमों से फर्जीवाड़े में रोक लगेगी। बंधक जमीनें नहीं बिक पाएंगी और कोई भी दूसरा आदमी किसी और की जगह पर खड़े होकर जमीनों की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। राजस्व मंत्री टंक राम ने कहा कि पंजीयन विभाग में नई सुविधाओं के लिए तकनीक का उपयोग कर लोगों को स्वयं रजिस्ट्री ऑफिस जाकर बायोमेट्रिक्स के द्वारा आधार सत्यापन कराना होगा। उन्होंने बताया कि नयी सुविधाओं में जमीन के रिकॉर्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है। सरकार सुगम एप का संचालन कर आमजनों को जमीनों की खरीदी-बिक्री की आसान सुविधा दे रही है। इसके साथ ही बिक्री वाली भूमि में लगे पेड़ों पर पंजीयन शुल्क को शून्य कर दिया गया है।
राजस्व मंत्री ने सभी राजस्व रिकॉर्डों को डिजीटलाईज करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती नियम को परिवर्तित करते हुए त्रुटि सुधार का अधिकार अब एसडीएम से छीनकर तहसीलदारों को दे दिया है। राज्य में जमीनों की जियो रिफ्रेसिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके पूरा हो जाने पर सीमा विवाद खत्म होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्व पखवाड़ों का आयोजन कर राज्य में राजस्व संबंधी प्रकरणों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अब राज्य या केन्द्र सरकार की किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले पर कड़े नियम बनाए जा रहे हैं। परियोजना के प्रस्तावित होने के समय से ही उस क्षेत्र में जमीनों की खरीदी-बिक्री, सीमांकन-बटांकन सभी पर रोक लगा दी जाएगी।
पंजीयन विभाग ने आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए सॉफ्टवेयर में 10 नई सुविधाएं शुरू भी की हैं। इनमें फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन सुविधा से क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड सुविधा से खसरा नंबर दर्ज कर संपति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और रजिस्ट्री दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे क्रेताओं को विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी। ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र सुविधा से संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाईन भारमुक्त प्रमाण-पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है।



