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नई टैरिफ से पहले बिजली उपभोक्ताओं को राहत, जून के बिल में FPPAS शुल्क माइनस में, लेकिन टैरिफ बढ़ना तय

अभी तक उपभोक्ताओं से हर महीने FPPAS के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता रहा है। लेकिन जून माह के बिजली उत्पादन लागत में कमी के चलते यह शुल्क -7.32% पर आ गया है। इससे पहले भी अप्रैल 2024 में पहली बार बिजली बिल (CG Bijli Bill) में यह शुल्क शून्य हुआ था।

FPPAS शुल्क कैसे कम हुआ? जानिए कारण
दरअसल, एनटीपीसी लारा (NTPC Lara Power Supply) से खरीदी गई बिजली के 1500 करोड़ रुपए के अंतर को विगत 6 महीनों से उपभोक्ताओं से FPPAS के जरिए वसूला जा रहा था। अब यह अंतर पूरी तरह वसूल लिया गया है, जिससे जून के बिल में FPPAS माइनस में चला गया है।

इसका सीधा असर यह होगा कि जुलाई में आने वाले बिजली बिल (July Electricity Bill) में उपभोक्ताओं को इस मद में राहत मिलेगी। यह राहत अस्थायी है क्योंकि अगली टैरिफ दरें लागू होने वाली हैं।

बिजली टैरिफ में जरूर लगेगा महंगी बिजली का झटका
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी (CSPC Tariff 2025-26) ने नियामक आयोग को 2025-26 के लिए प्रस्ताव भेजा है। कंपनी के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में वह 24,652 करोड़ की बिजली बेचेगी जबकि खर्च 23,082 करोड़ का होगा, जिससे 1570 करोड़ का लाभ अनुमानित है।

लेकिन 2023-24 में कंपनी को 6130 करोड़ का घाटा हुआ था। अब यह बचत भी जोड़ दी जाए तो कुल 4560 करोड़ का अंतर निकलता है। इस अंतर को पाटने के लिए पॉवर कंपनी ने Electricity Tariff Hike की मांग की है। अब अंतिम निर्णय बिजली नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) द्वारा लिया जाएगा, जो तय करेगा कि उपभोक्ताओं पर कितनी बढ़ोतरी का भार डाला जाए।

टैरिफ बढ़ने की आशंका, उपभोक्ताओं पर फिर बोझ
नई टैरिफ दरें (CG Bijli Bill) लागू होते ही प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली की कीमत (Electricity Cost in Chhattisgarh) में इजाफे का सामना करना पड़ेगा। यह तय है कि Power Tariff 2025-26 में वृद्धि होगी, हालांकि इसका प्रभाव किस वर्ग पर कितना होगा, यह आयोग तय करेगा।

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