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Breaking : कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने आदेश जारी किया, रायपुर में अब फिर से हो सकेगा बोरिंग का काम, मानसून के बाद कलेक्टर ने हटाया प्रतिबंध

बिगुल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भीषण गर्मी के चलते जिले में लगाए गए बोरिंग खुदाई (बोर उत्खनन) पर प्रतिबंध को अब हटा लिया (Raipur Boring Ban Removed) गया है। मानसून की सक्रियता और वर्षा की शुरुआत के साथ रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने 1 जुलाई को यह आदेश जारी किया। इससे अब आम लोग फिर से बोरिंग खुदवा सकेंगे।

1 अप्रैल से लगा था बोरिंग प्रतिबंध, बिना अनुमति के होती थी कार्रवाई
भीषण गर्मी और जलस्तर गिरने की वजह से 1 अप्रैल 2025 से रायपुर जिले में पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत बोर खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान केवल अत्यावश्यक स्थितियों में ही कलेक्टर की अनुमति से बोरिंग की जा सकती थी। बिना अनुमति के बोरिंग कराने पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान था। इस कारण जिले में प्राइवेट बोरिंग लगभग पूरी तरह ठप हो गया था।

अब इन नियमों के तहत करा सकेंगे बोरिंग
हालांकि, प्रतिबंध हटने (Raipur Boring Ban Removed) के बाद भी प्रशासन ने यह साफ किया है कि बोर खनन के दौरान सभी निर्धारित तकनीकी और कानूनी नियमों का पालन जरूरी होगा। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि अगर उनके पास पहले से जलस्रोत उपलब्ध है तो अनावश्यक बोरिंग से बचें, ताकि भूजल संतुलन कायम रह सके।

बोर खनन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
विवरण स्थिति/अवधि
प्रतिबंध की शुरुआत 1 अप्रैल 2025
प्रतिबंध हटाने का आदेश 1 जुलाई 2025
लागू कानून छत्तीसगढ़ पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986
अनुमति की आवश्यकता अब नहीं (नियमों के तहत बोरिंग की अनुमति)
प्रशासन की अपील जलस्रोत हो तो अनावश्यक बोरिंग से बचें

भूजल संकट की चेतावनी: भविष्य के लिए जल बचाना जरूरी
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बढ़ते भूजल संकट को देखते हुए वर्षा जल का संरक्षण और संतुलित जल उपयोग बेहद जरूरी है। अनियंत्रित बोरिंग से पहले ही कई क्षेत्रों में जल स्तर खतरनाक रूप से नीचे जा चुका है। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह पानी का समझदारी से उपयोग करे।

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भीषण गर्मी के चलते जिले में लगाए गए बोरिंग खुदाई (बोर उत्खनन) पर प्रतिबंध को अब हटा लिया (Raipur Boring Ban Removed) गया है। मानसून की सक्रियता और वर्षा की शुरुआत के साथ रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने 1 जुलाई को यह आदेश जारी किया। इससे अब आम लोग फिर से बोरिंग खुदवा सकेंगे।

1 अप्रैल से लगा था बोरिंग प्रतिबंध, बिना अनुमति के होती थी कार्रवाई
भीषण गर्मी और जलस्तर गिरने की वजह से 1 अप्रैल 2025 से रायपुर जिले में पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत बोर खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान केवल अत्यावश्यक स्थितियों में ही कलेक्टर की अनुमति से बोरिंग की जा सकती थी। बिना अनुमति के बोरिंग कराने पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान था। इस कारण जिले में प्राइवेट बोरिंग लगभग पूरी तरह ठप हो गया था।

अब इन नियमों के तहत करा सकेंगे बोरिंग
हालांकि, प्रतिबंध हटने (Raipur Boring Ban Removed) के बाद भी प्रशासन ने यह साफ किया है कि बोर खनन के दौरान सभी निर्धारित तकनीकी और कानूनी नियमों का पालन जरूरी होगा। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि अगर उनके पास पहले से जलस्रोत उपलब्ध है तो अनावश्यक बोरिंग से बचें, ताकि भूजल संतुलन कायम रह सके।

बोर खनन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
विवरण स्थिति/अवधि
प्रतिबंध की शुरुआत 1 अप्रैल 2025
प्रतिबंध हटाने का आदेश 1 जुलाई 2025
लागू कानून छत्तीसगढ़ पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986
अनुमति की आवश्यकता अब नहीं (नियमों के तहत बोरिंग की अनुमति)
प्रशासन की अपील जलस्रोत हो तो अनावश्यक बोरिंग से बचें

भूजल संकट की चेतावनी: भविष्य के लिए जल बचाना जरूरी
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बढ़ते भूजल संकट को देखते हुए वर्षा जल का संरक्षण और संतुलित जल उपयोग बेहद जरूरी है। अनियंत्रित बोरिंग से पहले ही कई क्षेत्रों में जल स्तर खतरनाक रूप से नीचे जा चुका है। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह पानी का समझदारी से उपयोग करे।

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