1200 करोड़ का कर्ज लेकर खेती, खाद संकट से किसान परेशान

बिगुल
खरीफ सीजन (Kharif season) में जिले के किसानों ने साढ़े ₹1200 करोड़ का कृषि ऋण (agriculture loan) लेकर धान, दलहन और तिलहन की बुआई की है। मौसम अब तक अनुकूल है, लेकिन यूरिया और डीएपी (Urea and DAP fertilizer) की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। सहकारी समितियों में डिमांड के अनुरूप खाद का भंडारण नहीं हो पाया, जबकि निजी दुकानदार इसका फायदा उठाकर महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं।
खाद के दाम आसमान पर, किसानों की जेब पर बोझ
किसानों (CG Fertilizer Crisis) का कहना है कि 266.50 रुपए का यूरिया (Urea price hike) एक हजार रुपए में और 1350 रुपए का डीएपी दो हजार रुपए तक मिल रहा है। यह न केवल लागत बढ़ा रहा है बल्कि समय पर खाद नहीं मिलने से फसल के विकास (crop growth) पर भी असर पड़ सकता है। बोआई के बाद यह पौधों की बढ़वार का अहम समय है, और पोषण की कमी से उत्पादन घटने का खतरा है।
पौने दो लाख हेक्टेयर में फसल, प्रशासन पर निगाहें
जिले के एक लाख 32 हजार किसान लगभग पौने दो लाख हेक्टेयर (hectare farming) में खरीफ फसल ले रहे हैं। कृषि विभाग (Agriculture Department) का दावा है कि खाद आपूर्ति के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है और टीम सक्रिय है। निजी दुकानों पर भी नजर रखी जा रही है। कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि अगले एक सप्ताह में खाद आपूर्ति (fertilizer supply) सामान्य नहीं हुई, तो पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा। किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार और प्रशासन समय रहते समस्या का समाधान करेंगे।