राजनांदगांव में हिंसक झड़प में 3 लोगाें की मौत, मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे रमन सिंह, की अरोपियों पर कार्रवाई की मांग

बिगुल
छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहे जाने वाले राजनांदगांव जिले के मोतीपुर नवागांव इलाके में हाल ही में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए. इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है. छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए है.
चाकू कांड में 3 की मौत
इस घटना की शुरुआत मोतीपुर नवागांव में दो गुटों के बीच एक मामूली विवाद से हुई थी, जो जल्द ही हिंसक मारपीट में बदल गई. प्रत्यक्षदर्शियों के बताया कि दोनों पक्षों के बीच पुरानी रंजिश थी, जो किसी छोटी बात पर भड़क उठी. मारपीट में चाकू और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. झड़प के बाद से इलाके में तनाव फैल हुआ है.
पीड़ित पक्ष के सदस्यों ने बताया कि हमलों के दौरान पुलिस की मदद मांगने पर कोई सहायता नहीं मिली. घरों में लात मारी जा रही थी, तोड़फोड़ हो रही थी, लेकिन पुलिस कहीं नहीं दिखी. इस मामले में क्षेत्र के थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि उनकी गलती के कारण घटना ने इतने बड़े रूप ले लिया. पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि अगर कोई अन्य व्यक्ति संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रमन सिंह ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज नवागांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने परिवारों से बातचीत की और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया है. मीडिया से बात करते हुए डॉ. सिंह ने पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि दो दिनों में तीन लोगों की चाकूबाजी की घटना में जान गई है. पहली घटना होने के बाद और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कई घंटों का समय था, जब स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी अप्रिय घटना घटी.
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि राजनांदगांव संस्कारधानी के रूप में जाना जाता है, जहां ऐसी घटनाएं नहीं होतीं, लेकिन बीते दिनों की घटनाओं ने पूरे प्रदेश में इसकी छवि को धूमिल किया है. पीड़ितों के घरों में तोड़फोड़ हो रही थी और पुलिस की सहायता तक नहीं मिली. अगर समय पर मदद मिलती, तो घटना इस स्वरूप में नहीं बदलती. इसमें थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों की गलती है, जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घटी. उन्होंने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की और मामले की उच्च स्तरीय जांच की बात कही है.