नक्सल विरोधी अभियान से बौखलाए नक्सली, ग्रामीण को उतारा मौत के घाट

बिगुल
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से नक्सलियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों के जवान अभियान चलाकर नक्सलियों का खात्मा करने में लगे हुए हैं। सुरक्षाबलों दवाई की जा रही कार्रवाई से नक्सली बौखला और घबरा गए हैं। एक तरफ जहां नक्सलियों ने पत्र लिखकर वार्ता की अपील की है, तो वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों ने एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया है।
नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या
मिली जानकारी के अनुसार, अरनपुर थाना क्षेत्र के निलावाया गांव में गुरुवार देर रात नक्सलियों ने ग्रामीण बंडी कोर्राम की हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, हथियारबंद नक्सली गांव में पहुंचे और बंडी कोर्राम को घर से बाहर बुलाकर धारदार हथियार से वार किया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बंडी कोर्राम का परिवार पहले से नक्सलियों के निशाने पर था। करीब चार साल पहले उनके बेटे हरेंद्र कोर्राम की भी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उस घटना के बाद परिवार को सांत्वना देने के लिए सरकार ने मृतक के परिजन को सहायता राशि और उनकी बेटी को पुलिस विभाग में नौकरी दी थी। पुलिस का कहना है कि यह घटना नक्सलियों की दहशत फैलाने की कोशिश है। घटना की जानकारी मिलते ही अरनपुर थाना पुलिस और सुरक्षा बल गांव पहुंचे, मामले की जांच की जा रही है ।
बता दें कि, सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए गए है। केंद्र की सरकार अगले साल के मार्च महीने तक देशभर के माओवाद प्रभावित राज्यों से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। पिछले दो सालों में माओवादी संगठनों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में उनके शीर्ष नेता और प्रतिबंधित माओवादी पार्टी के महासचिव केशवराव उर्फ़ बसवा राजू को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। सूत्रों की माने तो लगातार चलाये जा रहे इस ऑपरेशन के बाद कभी नक्सलियों के केंद्रीय कमेटियों के सदस्यों की संख्या 40 सिमटकर मात्र 9-10 ही रह गई है। लाल लड़ाकों का थिंक टैंक पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके है।