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कन्हर नदी बनी छठ पर्व की आस्था का केंद्र: सबसे शुद्ध जल स्रोतों में एक, 86 TDS के साथ पानी गंगा के समान

बिगुल

रामानुजगंज में बहने वाली जीवनदायिनी कन्हर नदी इस बार भी छठ पर्व की आस्था का मुख्य केंद्र बनी हुई है। आज हजारों श्रद्धालु इसी नदी के तट पर पहुंचकर सूर्य उपासना के इस महापर्व का अर्घ्य अर्पित करेंगे। जहाँ एक ओर पूरे देश में नदियों और जल स्रोतों के टीडीएस (टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड्स) स्तर अधिक होने को लेकर चिंता जताई जा रही है, वहीं कन्हर नदी इस दृष्टि से एक मिसाल बनकर उभरी है।

परीक्षण में कन्हर नदी के जल का टीडीएस स्तर केवल 86 पाया गया है, जो पूर्ण रूप से शुद्ध और पीने योग्य श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 300 से कम टीडीएस वाले जल को अत्यंत स्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में कन्हर नदी का 86 टीडीएस इसे देश की सबसे शुद्ध नदियों में शामिल करता है। यही कारण है कि यह नदी क्षेत्र के लोगों के जीवन का आधार मानी जाती है।

कन्हर नदी का पानी न केवल शुद्ध है, बल्कि इसका स्वाद भी विशिष्ट और मीठा माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नदी के जल में एक प्राकृतिक मिठास और ठंडक बनी रहती है, जो किसी अन्य स्रोत में नहीं मिलती। नगर पालिका रामानुजगंज द्वारा भी इसी नदी के जल को लिफ्ट पंप प्रणाली के माध्यम से शोधन कर घर-घर तक पहुंचाया जाता है, जिससे नगर की बड़ी आबादी प्रतिदिन कन्हर का जल उपयोग करती है। धार्मिक दृष्टि से भी कन्हर नदी का विशेष महत्व है। यह उत्तरवाहिनी (उत्तर दिशा में बहने वाली) नदी है, जिसे गंगा के समान पवित्र माना गया है। छठ पर्व के अवसर पर कन्हर तटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है और पूरा क्षेत्र भक्ति, आस्था और लोक संस्कृति के रंग में रंगा हुआ है।

नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने कहा कि क्षेत्र वासियों की गहरी आस्था कन्हर नदी से जुड़ी हुई है कई दशकों से क्षेत्र के लोग पेयजल में नदी का पानी ही पसंद करते हैं नदी का पानी पूर्णता शुद्ध रहता है कन्हर नदी गंगा के समान उत्तर वाहिनी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता पंकज जैन ने कहा कि 86 टीडीएस से कन्हर नदी का पानी पूर्णतया शुद्ध एवं पीने योग्य है।

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