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Rail : दक्षता और गति का प्रतीक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, 216 दिनों में 150 मिलियन टन माल लदान का कीर्तिमान

बिगुल
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने एक बार फिर दक्षता और गति का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान केवल 216 दिनों में 150 मिलियन टन माल लदान का कीर्तिमान बनाकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अपनी बेहतर कार्यक्षमता का परिचय दिया है। पिछले चार वर्षों के दौरान, वर्ष 2022-23 में जहाँ 150 मिलियन टन माल लोडिंग का आँकड़ा 265 दिनों में पूरा हुआ था, वहीं 2023-24 में यह उपलब्धि 244 दिनों में, 2024-25 में 226 दिनों में, और अब वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में केवल 216 दिनों में हासिल की गई है, जो कि माल लदान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा अब तक का सर्वाधिक तेज प्रदर्शन है।

यह उपलब्धि भारतीय रेलवे के सभी विकास में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अग्रणी भूमिका को रेखांकित करती है। यह सफलता कोयला, इस्पात, सीमेंट, खाद्यान्न और खनिज पदार्थों जैसे प्रमुख औद्योगिक व ऊर्जा संसाधनों की समयबद्ध और सतत आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए प्राप्त की गई है। साथ ही, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे देश के विभिन्न तापघरों, इस्पात संयंत्रों एवं कारखानों को कोयला और अयस्क की निरंतर आपूर्ति कर देश के औद्योगिक विकास को गति प्रदान कर रहा है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत तीनों रेल मंडलों बिलासपुर, रायपुर और नागपुर ने इस सफलता में मुख्य योगदान दिया है। माल ढुलाई में लगातार बढ़ती दक्षता से यह स्पष्ट है कि रेलवे की संरचनात्मक और परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। लाइन दोहरीकरण, तीसरी एवं चौथी लाइन निर्माण, यार्ड आधुनिकीकरण तथा विद्युतीकरण जैसे कार्यों ने गति और क्षमता दोनों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।

माल परिवहन के साथ-साथ यात्री परिवहन के क्षेत्र में भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस अवधि में विभिन्न पर्व एवं त्यौहारों के दौरान विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया गया। श्रावण मास के दौरान श्रावणी स्पेशल ट्रेनें, दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली पर्वों पर पूजा स्पेशल ट्रेनें, तथा छठ पूजा के अवसर पर छठ स्पेशल ट्रेनें चलाकर यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अवसर प्रदान किया गया।

भारतीय रेलवे में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की यह उपलब्धि न केवल संचालन दक्षता का प्रमाण है, बल्कि यह देश की औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती प्रदान करने में इसकी अग्रणी भूमिका को भी दर्शाती है।

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