ब्रेकिंग : राजा धर्मेंद्र सिंह उच्च न्यायालय से बाइज्जत बरी, भाभी द्वारा लगाया गया रेप का आरोप झूठा निकला, 39 दिन की जेल काटी थी धर्मेंद्र सिंह ने, जनता की मांग : रेप का झूठा आरोप लगाने वाली महिला को भी मिले सजा

बिगुल
सक्ती के राजा धर्मेंद्र सिंह को उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के आरोप को झूठा और आधारहीन पाते हुए सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है।
विदित हो कि राजा धर्मेंद्र सिंह जो कि पूर्व मंत्री स्व.राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह जी के दत्तक पुत्र हैं जिनके विरुद्ध सक्ती पुलिस ने दिनांक 9/1/2022 में महिला आवेदिका जोकि रिश्ते में उनकी भाभी लगती हैं, की झूठी शिकायत पर सक्ती पुलिस द्वारा अपराध पंजीकृत किया गया था। उसके बाद सक्ती न्यायालय द्वारा उन्हें 7 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके कारण उन्हें 39 दिनों के लिए जेल जाना पड़ा था।
सक्ती न्यायालय के आदेश से क्षुब्द होकर राजा धर्मेंद्र सिंह माननीय उच्च न्यायालय की शरण में गए। माननीय उच्च न्यायालय ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रत्येक बिंदु एवं तथ्यों को सुनने के पश्चात् निष्कर्ष निकाला जिसमें राजा धर्मेंद्र सिंह को निर्दोष मानते हुए आरोप से दोषमुक्त किया। साथ ही आवेदिका द्वारा सजा को बढ़ाने की अपील को भी खारिज कर दिया। उक्त संबंध में राजा धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैंने अपने सारे तथ्य पुलिस एवं न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किय। परंतु पुलिस ने सभी तथ्यों को राजनीतिक दबाव के चलते अनदेखा करते हुए मेरे विरुद्ध झूठा आरोप लगाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया।
श्री सिंह ने कहा कि पुलिस के द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर माननीय न्यायालय सक्ती ने मुझे आरोपी मानकर 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जिसके कारण मुझे जेल जाना पड़ा। मैंने माननीय न्यायालय सक्ती के आदेश को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अपील दायर की। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय से मुझे न्याय मिला। हाईकोर्ट ने सक्ती नयायालय के आदेश को निराधार मानते हुए उसे खारिज किया तथा मुझे निर्दोष साबित किया तथा आरोपो से बरी किया। अंततः सच्चाई की जीत हुई। सत्य परेशान हो सकता है किंतु पराजित नहीं। सत्यमेव जयते।
जानते चले की सक्ती के राजा धर्मेंद्र सिंह ने महीनो पहले भाजपा में प्रवेश कर लिया था जबकि उनके दत्तक पिता राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह जीवन भर कांग्रेस की राजनीति करते रहे। अब दोष मुक्त होने के बाद राजा धर्मेंद्र के सामने राजनीतिक अनिश्चितत्ता खत्म हो गई है।



