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रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह : छत्तीसगढ़ से शामिल हुए योगेश अग्रवाल.. अंबानी, सचिन तेंदुलकर, रजनीकांत के साथ दिखे, विहिप से कई सालों से जुड़े हैं योगेश

श्री अग्रवाल ने बताया कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बनने से जीवन धन्य हो गया. मैं सपत्नीक इसमें शामिल हुआ. हमारी बैठक व्यवस्था वीआईपीज के साथ ही थी जिसमें देश के नम्बर वन उदयोगपति मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, अनिल अंबानी, सचिन तेंदुलकर, नवीन जिंदल, अभिनेत्री कंगना रनौत, अनुपम खेर इत्यादि से रूबरू होने का मौका मिला. श्री अग्रवाल ने अंबानी बंधुओं, सचिन तेंदुलकर, रजनीकांत के साथ फोटो भी खिंचवाई.

याद आए अशोक सिंघल, रमेश मोदी
विश्व हिन्दु परिषद ने योगेश अग्रवाल को क्यों आमंत्रित किया, इसके धरातल में योगेश की सालों की तपस्या, सहयोग और सेवा की कहानी है. अग्रवाल अपनी स्मृति को ताजा करते हुए बताते हैं कि जब मैं विश्व हिन्दु परिषद का जिला अध्यक्ष बना तो स्वर्गीय अशोक सिंघल रायपुर में आयोजित सभा को संबोधित करने आए थे तब मैं उनके साथ था. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में उनके साथ भ्रमण भी किया था. श्री सिंघल हमारे निवास पर रूके थे और वहीं उनका भोजन, विश्राम हुआ था. 1992 में जो कारसेवा हुई, उसमें योगेश अग्रवाल ने कारसेवकों की सेवा में व्यवस्था संभाली थी.

छह ट्रक निःशुल्क चावल भेजा अयोध्या में
जानते चलें कि योगेश अग्रवाल छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, इस लिहाज से उन्होंने राइस मिलर्स साथियों की मदद से 11 ट्रक विशेष चावल अयोध्या भिजवाया है ताकि वहां चल रहे भंडारा में सहयोग दिया जा सके. इसे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने झण्डा दिखाकर रवाना किया था. इसके अलावा योगेश अग्रवाल विश्व हिन्दु परिषद के पूर्व जिला जिला मंत्री तथा प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. नतीजन वे राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रारंभ से ही जुड़ गए थे.

सेलिब्रिटीज की आंखों से भी आंसू निकलते देखे
योगेश के इसी योगदान को देखते हुए विश्व हिन्दु परिषद ने उन्हें रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वीआईपी के तौर पर आमंत्रित किया. श्री अग्रवाल ने बताया कि लखनउ एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हमें गमछा और पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया. उसके बाद हम कार द्वारा अयोध्या पहुंचे और समारोह में हिस्सा लिया. वे बताते हैं कि मंदिर का दर्शन करते वक्त वीआईपी सेलिब्रिटीज की आंखों से भी आंसू निकलते देखे. मंदिर की भव्यता, खूबसूरती, उसका गौरव सब कुछ हर्षित, पुलकित कर रहा था.

40 दिवसीय राम वन गमन यात्रा
श्री अग्रवाल ने बताया कि श्रीरामलला का दर्शन करके हमारा जीवन धन्य हो गया. मंदिर में प्रवेश करते वक्त सिर्फ आंसू बह रहे थे. मैं उस समय चंपत राय जी, स्व.अशोक सिंघल, स्व.रमेश मोदी और शहीद कारसेवकों को याद कर रहा था जिनकी त्याग और तपस्या से मंदिर का निर्माण संभव हो सका. योगेश अग्रवाल फिलहाल राष्ट्रीय कवि संगम से जुड़े हुए हैं तथा महीनों पहले 40 दिवसीय राम वन गमन यात्रा श्रीलंका और रामेश्वर से पूरी करके लौटे हैं.

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