शराब घोटाला: दुर्ग-भिलाई, महासमुंद समेत कई जिलों में एसीबी और ईओडब्ल्यू टीम की छापेमारी
बिगुल
छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की है। दुर्ग-भिलाई, महासमुंद, धमतरी, रायपुर समेत 20 से ज्यादा जगहों पर टीम ने दबिश दी है।
बताया जाता है कि दुर्ग-भिलाई में 22 जगहों पर कार्रवाई चल रही है। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें चार गाड़ियों में मंगलवार सुबह पांच बजे भिलाई पहुंची। महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी छापेमारी चल रही है। सबसे बड़ी कार्रवाई भिलाई में ही चल रही है। प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री रह चुके कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। टीम कागजों की जांच-पड़ताल कर रही है। इस छापेमारी से पूरे प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। टीम जगह-जगह पहुंचकर छापेमारी कर रही है।
दुर्ग-भिलाई में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम शराब घोटाले से जुड़े कारोबारियों के यहां पहुंची है। भिलाई के आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल की फेब्रीकेशन और अन्य चीजों की फैक्ट्री है। अशोक अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी हैं। उन पर लखमा के साथ मिलकर शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप है।
शराब घोटाला: दुर्ग-भिलाई, महासमुंद समेत कई जिलों में एसीबी और ईओडब्ल्यू टीम की छापेमारी
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छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की है। दुर्ग-भिलाई, महासमुंद, धमतरी, रायपुर समेत 20 से ज्यादा जगहों पर टीम ने दबिश दी है।
बताया जाता है कि दुर्ग-भिलाई में 22 जगहों पर कार्रवाई चल रही है। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें चार गाड़ियों में मंगलवार सुबह पांच बजे भिलाई पहुंची। महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी छापेमारी चल रही है। सबसे बड़ी कार्रवाई भिलाई में ही चल रही है। प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री रह चुके कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। टीम कागजों की जांच-पड़ताल कर रही है। इस छापेमारी से पूरे प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। टीम जगह-जगह पहुंचकर छापेमारी कर रही है।
दुर्ग-भिलाई में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम शराब घोटाले से जुड़े कारोबारियों के यहां पहुंची है। भिलाई के आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल की फेब्रीकेशन और अन्य चीजों की फैक्ट्री है। अशोक अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी हैं। उन पर लखमा के साथ मिलकर शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप है।



