विधानसभा : नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पीएससी घोटाला, बाघ की मौत पर सरकार को घेरा, मंत्री केदार कश्यप, विधायक उमेश पटेल के बीच हुई तीखी बहस
बिगुल
रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के आसंदी पर विराजमान होने के साथ हुई. सदन में कई मुददों पर सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने एक दूसरे की घेरेबंदी की.
पिछले दिनों सीजी पीएससी के मॉडल आंसर में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस मामले पर गंभीरता दिखते हुए सरकार ने परीक्षा नियंत्रक का तबादला बस्तर कर दिया था। वही आज इस मुद्दे पर सदन में भी चर्चा हुई।
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने पीएससी परीक्षा में गलत उत्तर दिए जाने का मामला शून्यकाल में पुरजोर तरीके से उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में परीक्षा नियंत्रक को स्थानांतरित कर दिया गया है इससे यह मामला काफी गंभीर प्रतीत होता है। उन्होंने पीएससी के मामले में चल रहे सीबीआई जांच में इसे भी जोड़ने की मांग कर डाली।
डॉ महंत भी पाल लें शेर
सदन में आज नेता प्रतिपक्ष ने वनमंत्री के सामने वन्यप्राणियों से जुड़े मामलें को पुरजोर तरीके से उठाया। इस दौरान वन्य मंत्री केदार कश्यप और नेता प्रतिपक्ष के बीच नोंकझोंक भी देखने को मिली। इस सवाल के शुरुआत में स्पीकर डॉ रमन ने डॉ महंत को इस बात के लिए साधुवाद दिया कि वह शेर से लेकर सूअर तक मूक पशुओं का मामला पूरी गंभीरता से सदन में उठाते हैं।
स्पीकर के इस दावे पर चुटकी लेते हुए विधायक धरमजीत सिंह ने बताया की दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने दिल्ली के अपने घर पर शेर का बच्चा पाल रखा था तो एक शेर का बच्चा डॉ महंत के घर भी भेजा जाएँ। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह धरमजीत सिंह की चिंता को स्पीकर को देते हैं और चूंकि वो राजघराने से ताल्लुक रखते हैं लिहाजा शेर पालने का काम उनका हैं। इस पूरे बातचीत पर सदन में जमकर ठहाके लगे।
महंत ने उठाया बाघ का मुद्दा
प्रश्नकाल में सदन में एक बार फिर से गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत का मामला सुनाई दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत कैसे हुई? वन विभाग को मौत की जानकारी कब मिली ?
नेता विपक्ष के इस सवाल पर वनमंत्री केदार कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत तार की चपेट में आकर बाघ की मौत हुई थी। यह तार जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाया गया था। 16-18 जनवरी के बीच बाघ की मौत हुई थी जबकि विभाग को इसकी सूचना 19 जनवरी को मिली
गोमर्डा अभियारण में बाघ की मौत को लेकर चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि वन विभाग गलत जानकारी दे रहा है। ट्रेप कैमरे से लगातार बाघ की निगरानी की गई। डॉ महंत ने कहा कि मंत्री ने इस मामले में न्यायिक जांच की बात कही थी ये बताएं जांच में क्या हुआ है? मंत्री ने कहा कि इस मामले में क्रिमिनल केस चल रहा है उस पर न्यायिक की जांच बात कही थी। वही बाघ की मौत के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग की। कहा, जेड प्लस वाले बाघ के संबंध में भी जानकारी नहीं है। न्यायिक जांच को लेकर गलत जानकारी दी गई हैं। मांग किया कि विधायकों की समिति से पूरे मामले की जांच कराई जाए।