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प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से जुड़ी बड़ी खबर, अब तय समय से ज्यादा काम करने पर मिलेगा पूरा ओवरटाइम

बिगुल
छत्तीसगढ़ में प्राइवेट सेक्टर और दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य विधानसभा ने छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना अधिनियम में अहम संशोधन को मंजूरी दे दी है. जिससे काम के घंटे और ओवरटाइम को लेकर स्पष्ट नियम तय हो गए हैं. जिसके तहत अब नियोक्ता अपनी मर्जी से कर्मचारियों से लंबे समय तक काम नहीं करवा सकेंगे.

9 घंटे से अधिक काम पर मिलेगा पूरा ओवरटाइम
अधिनियम में कर्मचारियों के काम करने के समय से जुड़े नियमों में भी अहम संशोधन किया गया है. नए प्रावधानों के तहत किसी भी कर्मचारी से एक दिन में नौ घंटे और सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकेगा. वहीं तय समय से ज्यादा काम कराने पर संस्थान के मालिक को कर्मचारी को अनिवार्य रूप से ओवरटाइम भुगतान करना होगा. बता दें कि ये यह कानून उन सभी दुकानों, प्रतिष्ठानों और निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां दस या उससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं.

विधानसभा में इस संशोधन विधेयक को श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने पेश किया, जिसे सदन में पारित कर दिया गया. संशोधन के अनुसार, कर्मचारियों से लगातार लंबे समय तक काम नहीं कराया जा सकेगा. एक शिफ्ट में विश्राम अवधि को जोड़कर भी कुल समय-सीमा साढ़े दस घंटे से अधिक नहीं होगी. वहीं विशेष परिस्थितियों या अत्यावश्यक कार्य की स्थिति में भी कर्मचारी की ड्यूटी बारह घंटे से आगे नहीं बढ़ाई जा सकेगी.

महिला कर्मचारियों के लिए भी सुविधा
साथ ही इस संशोधन में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और अधिकारों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. नए नियमों के तहत महिलाएं रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक काम कर सकेंगी लेकिन इसके लिए नियोक्ता को सुरक्षा, सुरक्षित परिवहन और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. इन शर्तों को पूरा किए बिना महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम पर नहीं बुलाया जा सकेगा.

ये फैसला क्यों है खास?
दरअसल, निजी दुकानों, शोरूम और संस्थानों में अक्सर कर्मचारियों से 10 से 12 घंटे तक काम कराया जाता रहा है, जबकि उन्हें अतिरिक्त मेहनत का कोई भुगतान नहीं मिलता. नए कानून के लागू होने से कर्मचारियों को तय समय से अधिक काम करने पर उसका उचित मेहनताना मिल सकेगा.

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