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बड़ी खबर : कस्टम मिलिंग के चावल में हेराफेरी, हाईकोर्ट ने ईडी और राज्य शासन से मांगा जवाब, मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ने लगाई हाइकोर्ट में याचिका

बिगुल
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में इन दिनों कई कथित घोटालों को लेकर सुनवाई चल रही है. अब प्रदेश में हुए चावल घोटाले का मामला भी हाईकोर्ट पहुंच गया है. मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ने हाइकोर्ट में याचिका लगाई है.

उन्होंने याचिका में एफआईआर को चुनौती दी है. साथ ही कोर्ट में अंतरिम राहत के लिए आवेदन भी लगाया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने ED और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब 23 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी.

बता दें कि इस चावल घोटाले मामले पर ईडी ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की है. जिसमें डिजिटल डिवाइस, कई संदिग्ध दस्तावेज और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला है. आयकर विभाग के छापे में जानकारी मिली थी कि प्रदेश के कुछ अधिकारी और राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सांठगांठ की थी. मार्कफेड से जुड़े लोगों ने करोड़ों की रिश्वत हासिल कर मिलर्स को फायदा पहुंचाया था.

20 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध वसूली
जांच के बाद आरोप लगाया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर और मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी ने रिश्वत की रकम वसूलनी शुरू कर दी. 20 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से यह अवैध वसूली की गई. यह भी आरोप लगाया गया कि राइस मिलर्स के पैसे नहीं देने पर उनके धान को रोक दिया गया.

करोड़ों रुपए की गड़बड़ी सामने आई तो 16 जनवरी 2024 को ईडी ने इस मामले में ACB में शिकायत की. ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पूर्व एमडी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीं, इस मामले में ED की जांच पर कोर्ट में परिवाद भी चल रहा है.

एफआईआर पर रोक लगाने की मांग
अब मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी ने हाईकोर्ट में ED और ACB की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. उन्होंने FIR को ही गैरकानूनी बताते हुए अंतरिम राहत के लिए आवेदन दिया है. एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की है.

ED और ACB को नोटिस जारी
जस्टिस टीपी शर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए ED और ACB को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा व ED की ओर से डॉ सौरभ पांडेय मौजूद रहे. अब 23 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान अंतरिम राहत पर बहस होगी.

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