ब्रेकिंग : भिलाई में वैवाहिक आयोजनों पर प्रशासन सख्त, रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में गाना बजा तो दर्ज होगी FIR

बिगुल
छत्तीसगढ़ के भिलाई में विवाह समारोह से होने वाले ध्वनि प्रदूषण और बाधित यातायात व्यवस्था से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अहम कदम उठाया है. भिलाई एडीएम और एएसपी ने मैरिज भवन संचालकों और म्यूजिक सिस्टम संचालकों की संयुक्त बैठक ली. बैठक में उन्होंने संबंधित आदेश दिए हैं. वहीं आदेश का पालन ना करने पर प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ध्वनि विस्तारक यंत्र पर बैन रहेगा
एडीएम अभिषेक अग्रवाल और एएसपी सुखनंदन राठौर ने बैठक में विवाह समारोह से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए है. उन्होंने कहा है कि क्षेत्रीय ध्वनि मानक से अधिकतम 10 डीबी (ए) या 75 डीबी(ए) की सीमा के भीतर ही ध्वनि संचालन किया जाए. किसी भी हालत में ध्वनि सीमा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे एवं किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. वाहनों पर लगे डीजे या ऊंची ध्वनि वाले किसी भी उपकरण के उपयोग को भी पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है.
बैठक में जारी किए गए निर्देश
विवाह आयोजनों में क्षेत्रीय ध्वनि मानक के मुताबिक ही ध्वनि संचालन हो.
रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक डीजे समेत सभी ध्वनि यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
आयोजन से यातायत व्यवस्था प्रभावित ना हो और आमजन को असुविधा न हो.
विवाद या नियम उल्लंघन की स्थिति में आयोजन की अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी.
नियमों के उल्लंघन पर संबंधित डीजे संचालक और आयोजन स्थल संचालक पर एफआईआर दर्ज की जाएगी.
निर्देश का पालन न करने पर कार्रवाई के रूप में संबंधित डीजे, वाहन व उपकरण जब्त किए जाएंगे.
यातायात व्यवस्था को लेकर भी नियम सख्त
बैठक में यातायात व्यवस्था को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए गए है. निर्देश के अनुसार, अगर विवाह या किसी अन्य आयोजन कारण सड़क मार्ग बाधित होने पर उस आयोजन की अनुमति स्वत: निरस्त मानी जाएगी. वहीं आयोजक पर भी कार्रवाई की जाएगी. वहीं मैरेज भवन संचालकों को भी आगाह किया गया कि वे व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर रहें. भवन परिसर में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य है, ताकि लोगों को सड़क पर वाहन खड़ा करने की मजबूरी न हो.
वहीं ऐसा ना कर पाने या नियमों के उल्लंघन पर आयोजन स्थल संचालक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी और गंभीर स्थिति में मांगलिक भवन को सील कर दिया जाएगा. प्रशासन ने जोर देकर कहा कि किसी भी आयोजन में शासकीय संपत्तियों तथा सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग बिना पूर्व अनुमति नहीं किया जाएगा.



