ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ की रामायण पर विवाद : सीएम, मंत्रियों, सांसदों पर कटाक्ष, कांग्रेस नेताओं को बताया खलनायक, भूपेश बघेल ने बताया राम का अपमान, कांग्रेस दर्ज कराएगी एफआईआर, आपने देखा वीडियो?
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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो जारी किया है।
इस वीडियो में भाजपा और कांग्रेस नेताओं की रामायण के पात्रों से तुलना करते हुए तस्वीरें हैं और आरोप लगाया गया है कि भाजपा नेताओं को इस वीडियो में देवी-देवताओं के रूप में पेश किया गया है। इस वीडियो ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में इसलिए खलबली मचा दी है, क्योंकि सीएम साय के सलाहकारों तथा टीम ने न सिर्फ ऐसा कोई वीडियो बनाने से सख्त इंकार किया है, बल्कि साजिश की आशंका जता दी है।
भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश बघेल ने सुर्खियां बटोरने के लिए खुद ही यह वीडियो बनवाया, हमेशा की तरह खुद ही इसका विरोध करते हुए इसे मुद्दा बनाने में लग गए हैं।
जारी वीडियो 25-30 सेकंड का है। इस वीडियो में सीएम साय और भगवान श्रीराम की तस्वीर एक साथ रखी गई है। भूपेश बघेल और रावण की तस्वीर साथ लगाई गई है। अरुण साव की तस्वीर के साथ लक्ष्मण, किरण देव सिंह के साथ भरत और विजय शर्मा के साथ बजरंगबली का फोटो लगाया गया है। भूपेश ने वीडियो जारी कर कहा कि भाजपा नेता अब अपनी तुलना भगवान से करने लगे हैं। इस वीडियो पर टीम सीएम की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है और इसे खुद ही बनवाकर वायरल करने आरोप लगाए गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से आज शाम को 4:00 बजे राजधानी के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है.
सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने भूपेश बघेल के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि:
जैसा आपका और आपकी पार्टी का रिकॉर्ड रहा है श्रीमान, वैसे में कोई बड़ी बात नहीं कि सुर्खियां बटोरने के लिए खुद ही बनवाया हो और उसका खुद ही विरोध कर हमेशा की तरह नॉन इशू को इशू बनाने में लगे हों।
अगर ऐसा नहीं है, तो आम जनता अपनी तरह से आजकल रचनात्मक अभिव्यक्ति करती है सोश्यल मीडिया पर, इसमें अनावश्यक रूप से किसी ‘टीम’ पर प्रहार करना आपकी विवशता दिखाता है।
अगर यह आपकी टीम ने नहीं किया है, तो ऐसी क्रियेटिविटी को अपने विरुद्ध प्राकृतिक न्याय मानकर कृपया सहन कीजिये। भांचा राम आपको सहिष्णु बनायें।
@INCChhattisgarh के तमाम अपराधों को अगर क्षमा भी कर दिया जाय, तो जिस तरह की हरकत आपकी टीम ने अटलजी की स्मृति को बदनाम कर किया था, जिस तरह राज्य निर्माता भारत रत्न का अपमान किया था आपलोगों ने, जिस तरह एक राजनीतिक अभियान के तहत गावों से एकत्र मिट्टी को आपने सत्ता के अहंकार में अटलजी की अस्थि के रूप में दुष्प्रचारित करने की कोशिश की थी, उसके आगे तो ऐसे लाखों वीडियो कम होंगे। अगर यह आपकी टीम का काम नहीं है, तो इसे जनता की ऑर्गेनिक अभिव्यक्ति मानते हुए स्वीकार कीजिए।