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बिना लाइसेंस के चला रहा था क्लिनिक, कोर्ट ने चार साल की सुनाई सजा, इतना ठोका जुर्माना

बिगुल
कबीरधाम जिला कोर्ट ने एक फर्जी डॉक्टर को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। आरोपी बिना लाइसेंस के दवा बेचता और लोगों का इलाज भी करता था। मिली जानकारी अनुसार, खाद्य औषधि प्रशासन विभाग कवर्धा ने 20 जनवरी 2015 को कवर्धा के वार्ड क्रमांक 18 में संचालित मां जगदंबे क्लिनिक का निरीक्षण किया।

इस दौरान आरोपी अरविंद सरकार पिता अतुल सरकार, उम्र 44 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर 18, कवर्धा के आलमारी में एलोपैथिक दवाएं मरीजों को बेचने के लिए मिली। आरोपी से दवा का चिकित्सा व्यवसाय किए जाने के संबंध में दस्तावेज मांग किए जाने पर मौके पर नहीं मिला।

क्लिनिक में 56 प्रकार के एलोपैथिक दवाई मिली। तब विभाग ने औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27 (बी) (ii), धारा 28 दर्ज कर जिला कोर्ट में जुलाई 2017 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। दो फरवरी 2023 से साक्ष्य प्रारंभ हुआ। कोर्ट ने 21 अप्रैल 2025 को निर्णय सुरक्षित रखा।29 अप्रैल 2025 को फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने आरोपी को औषधि व प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 27(बी) (ii) के तहत चार साल का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये का अर्थदंड व धारा 28 के तहत एक साल की सजा सुनाई है। ये दोनों सजा एक साथ चलेगी। कबीरधाम जिले में खाद्य औषधि प्रशासन विभाग द्वारा कोर्ट में पेश किए गए। अब तक की यह सबसे बड़ी सजा है।

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