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रेल रोको : प्रदेश के कई ​स्थानों पर कांग्रेस ने शुरू किया आंदोलन, पटरी पर लेटकर दर्शाया विरोध, रेलवे की वार्ता का प्रस्ताव भी ठुकराया, भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

बिगुल

रायपुर. छत्तीसगढ़ से चलने वाली 66 हजार से अधिक ट्रेनें रदद करने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस ने आज से रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है. प्रदेश के कई जगहों पर पटरी पर लेट नारेबाजी कर कांग्रेसियों ने गुस्से का इजहार किया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दो साल से अधिक हो गए लेकिन केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों का दुख दर्द नही समझ पा रही. भाजपा के नौ सांसद भी हाथ पर हाथ धरे चुप्पी साधे बैठे हैं लेकिन वे रेलें रदद करने का विरोध नही कर पा रहे. इसलिए कांग्रेस ने रेल रोको आंदोलन शुरू​ किया.

त्योहार के अवसर पर ट्रेनों को रद्द किए जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी की ओर से आज प्रदेश स्तर पर रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है. बिलासपुर से लेकर महासमुंद तक कांग्रेस पार्टी के नेता-कार्यकर्ता रेलगाड़ियों को रोककर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

बिलासपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने करग़ी रोड कोटा रेलवे स्टेशन में सुबह अप और डाउन दोनों लाइन पर मालगाड़ियों को रोका गया. पटरी में लेटकर रेलवे और केंद्र सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी करते हुए रेलवे को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया गया.

इसी तरह महासमुंद में कांग्रेसी कार्यकर्ता ब्लॉक अध्यक्ष खिलावन बघेल के नेतृत्व महासमुंद रेलवे स्टेशन में रेल रोको आंदोलन के लिए पहुंचे. आरपीएफ व छत्तीसगढ़ पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मेन गेट पर ही रोक दिया, जिसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता मेन गेट पर ही नारेबाजी कर रहे हैं.

रेलवे के वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया
बता दें कि रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर रेलवे ने कांग्रेस के समक्ष वार्ता का प्रस्ताव रखा था, जिसे पार्टी के नेताओं ने ठुकरा दिया. रेलवे की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में यात्री सुविधाओं में की जा रही वृद्धि का जिक्र करने के साथ कोरोना काल में बंद ट्रेनों को फिर से चालू, अन्य ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाने और ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाने का जिक्र किया गया था.

भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं
विधानसभा चुनाव ने दस्तक दे दी है. ऐसे समय में पूरे प्रदेश में कांग्रेसियों ने रेल रोको आंदोलन शुरू कर भाजपा नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल कोरोनाकाल के समय से ही छत्तीसगढ़ की जनता रेलें रदद होने, सुविधाएं कम होने से परेशान है. इसका कई बार विरोध भी किया गया लेकिन केंद्र में कोई सुनवाई नही हुई. हाल यह हैं कि सांसद सुनील सोनी ने जिस दिन केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकाता की उसके दूसरे ही दिन एक दर्जन ट्रेनें रदद कर दी गईं. ऐसे में जनता ने कांग्रेस की ओर रूख किया है और कांग्रेस भी उसके गुस्से को भुनाना चाहती है.

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