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17 साल न्याय की लड़ाई लड़ी, सरकारी नौकरी का आदेश मिलने से तीन दिन पहले हो गई मौत

बिगुल
दमोह जिले के हटा ब्लॉक में आने वाले मडियादो गांव में रहने वाले परमलाल कोरी ने 17 साल न्याय की लड़ाई लड़ी और 57 साल की उम्र में उसे शिक्षक की सरकारी नौकरी मिल गई, लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहें कि आदेश मिलने के तीन दिन पहले उसकी मौत हो गई। जिसके बाद मानो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पूरा परिवार खुश था कि कोर्ट ने फैसला हक में दे दिया है अब गरीबी मिटेगी और सरकारी नौकरी करूंगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

न्यायालय से फैसले से परिवार था खुश
हाइकोर्ट जबलपुर ने परमलाल कोरी सहित अन्य लोगों के हक में फैसला दिया। शिक्षा विभाग द्वारा नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस सारी प्रक्रिया से अवगत परमलाल और उनका परिवार खुश था, लेकिन दस्तावेज सत्यापन का आदेश मिलने के तीन दिन पहले ही 12 अप्रैल को परमलाल का निधन हो गया ओर सारी खुशियां मातम में बदल गईं।

दस्तावेज सत्यापन के लिए 12 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया था कि परमलाल 15 अप्रैल को जिला शिक्षा केंद्र दमोह में उपस्थिति देकर दस्तावेजों का सत्यापन कराएं, लेकिन परमलाल की मौत होने के के चलते दस्तावेजों के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र भी जिला शिक्षा केंद्र पहुंचा।

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