Blog

छत्तीसगढ़ बंद का असर.. इन जिलों में नहीं खुली दुकानें, चौक-चौराहों पर तैनात है पुलिस पुलिस के जवान

बिगुल
कांकेर जिले के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के के विरोध के दौरान हुई हिंसा मामले में अब सर्व समाज ने मोर्चा खोल दिया है। समाज ने 24 दिसंबर यानी आज पूरे प्रदेश में “छत्तीसगढ़ बंद” का आह्वान किया है।

समाज का आरोप है कि धर्मांतरण के विरोध में आवाज उठाने वालों के साथ प्रशासन ने निष्पक्ष रवैया नहीं अपनाया है। जिसके चलते जनआक्रोश बढ़ता गया। अब इसके विरोध में समाज ने शांतिपूर्ण तरीके से बंद का फैसला लिया गया है। इस बंद को छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का भी पूरा समर्थन मिला है। चेम्बर ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि व्यापारिक संगठन समाज की भावनाओं के साथ खड़े हैं और बंद के दौरान अधिकांश बाजार और प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

बहरहाल इस बंद का असर प्रदेश के अलग अलग जिलों में देखने को मिल रहा है। बात करें गरियाबंद और जगदलपुर की तो यहाँ भी बंद का असर देखने को मिल रहा है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान सुबह से ही बंद है। किसी भी तरह की आशंका को देखते हुए चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि भानुप्रतापपुर इलाके में स्थित आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मृत्यु के बाद उनका शव गांव में ही दफना दिया गया। सरपंच के परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था, जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे। पिछले दो दिनों से ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। यह प्रदर्शन मंगलवार (16 दिसंबर) को हिंसक हो गया, जब ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने पहुंचे और उनकी ईसाई समुदाय के लोगों से झड़प हो गई। जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए आमाबेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button