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राज्य में 18 क्षेत्रों में कार्य करने वाले पात्र व्यक्तियों को मिलेगा योजना का लाभ, चॉइस सेंटर में करवा सकेंगे पंजीकरण

हितग्राहियों को कौशल सत्यापन के बाद 5 दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण तथा 15 दिन या उससे अधिक उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में 500 रुपये का दैनिक भत्ता देने का प्रावधान है। टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में 15,000 रुपए का अनुदान देने की सुविधा है। डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन के रूप में प्रतिमाह अधिकतम 100 रूपए के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन 1 रुपए निर्धारित है।

जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना अंतर्गत 18 क्षेत्रों में कार्य करने वाले व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं। इनमें राजमिस्त्री, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, बढ़ई, लोहार, सुनार, अस्त्रकार, मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, पत्थर तोड़ने वाले, मोची/जूता बनाने वाला कारीगर, नाव निर्माता, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, फिशिंग नेट निर्माता इस योजना का लाभ उठाने के लिए चॉइस सेंटर के माध्यम से पीएम विश्वकर्मा योजना पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते है। इसके लिए आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण एवं राशन कार्ड की आवश्यकता होगी।

इस योजना का लाभ लेने के लिए आयु 18 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए। स्वरोजगार/व्यवसाय विकास योजनाओं के तहत हितग्राही ने पिछले 5 वर्ष में किसी भी शासकीय योजना अंतर्गत ऋण न लिया हो। योजना के तहत परिवार का एक ही सदस्य पात्र होगा। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए राज्य के प्रत्येक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में कार्यालयीन समय पर संपर्क किया जा सकता है।

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