एनकांउटर : नक्सली स्वीकार कर रहे कि 50 साथी मरे, और कांग्रेस फर्जी एनकाउंटर बता रही : गृह मंत्री विजय शर्मा,

बिगुल
रायपुर. गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज कहा कि 29 नक्सलियों का एनकाउंटर पुलिस विभाग के अधिकारियों और बहादुर जवानों के साहस और रणनीति का कमाल है. हमें उन पर गर्व है. यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर है.
श्री शर्मा ने आज एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जवानों ने जान की बाजी लगाकर यह काम किया है और कांग्रेस के नेता इसे फर्जी करार दे रहे हैं जबकि नक्सली दलम ने पत्र जारी कर स्वीकार किया है कि हमारे जब तक 50 से ज्यादा साथ साथी मारे गए. पुलिस ने भी यही आंकड़ा जारी किया था. दूसरी ओर कल हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 29 नक्सलियों को मार गिराया. यानि अब तक 79 नक्सलियों का मारा गया है. शर्मा ने इसके प्रमाण के तौर पर नक्सलियों द्वारा जारी किया गया पत्र भी दिखाया.
नक्सली—पुलिस के आंकड़े कांग्रेस को झुठला रहे
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि कांग्रेस के नेता इस घटना को फर्जी एनकाउंट करार दे रहे हैं. यह जवानों की बहादुरी का अपमान है. वे हमेशा ऐसा ही करते रहे हैं इसीलिए जवान अब एनकाउंटर तक का विडियो बना रहे हैं. शर्मा ने ऐलान किया कि इस घटना को अंजाम देने वाले पुलिस जवानो और अधिकारियों को पदोन्नति और इनाम देने की प्रक्रिया विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ बड़ा षडयंत्र माओवादी रच रहे हैं, हमारे ही बीच के कुछ लोग उनसे मिले हुए हैं लेकिन हम इसे बर्दाश्त नही करेंगे. सख्त से सख्त कार्यवाही होगी चाहे कोई भी व्यक्ति या संगठन हो.
ऐसे परिणाम अब मिलते रहेंगे
एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हम राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, सरकार के अंग हैं, हमारी सरकार ने पालिसी बनाई, पुलिस को फ्रिहेंड दिया, यह घटना इन्हीं कदमों का नतीजा है. श्री शर्मा से सवाल किया गया था कि गुजरे विधानसभा सत्र में विपक्ष ने आपको नाकाम गृहमंत्री कहा था, क्या यह सफलता उसका जवाब है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नजर रखे हुए हैं
श्री शर्मा ने आगे कहा कि के नेतृत्व में देश से आतंकवाद नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर है. कश्मीर में धारा 370 हटी तो वहां शांति और विकास आया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने के प्रति अमित शाह गंभीर हैं। हम उनके मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहे है. बस्तर में शाति बहाल होना चाहिए. खूनखराबा बंद हो. हम मानते हैं कि जल जंगल जमीन आदिवासियों का ही है. इसमें कोई दिक्कत नही है.



