पोर्टल में गड़बड़ी ने बढ़ाई परेशानी, छत्तीसगढ़ के 7 लाख से अधिक किसान धान बेचने से हो सकते हैं वंचित

बिगुल
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. वहीं, एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन की मियाद भी दो दिन बाद खत्म हो रही है, लेकिन पोर्टल की तकनीकी खामियों के चलते कई किसान पंजीकृत नहीं हो पाए हैं. छत्तीसगढ़ में 7 लाख से ज्यादा ऐसे पंजीकृत किसान हैं, जिनका खसरा न तो एग्री स्टेक पोर्टल से मेल खा रहा है और न ही एकीकृत किसान पोर्टल से मेल खा रहा. ऐसे में लाखों किसान धान बेचने से वंचित हो सकते हैं.
सरगुजा में 60 हजार किसान होंगे वंचित
छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन इस साल डिजिटल माध्यम से धान फसल की गिरदावरी किए जाने के बाद किसानों की परेशानी बढ़ गई है. हजारों ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपने खेतों में धान की फसल लगाई हुई है, लेकिन गिरदावरी में उन खेतों में धान की फसल दर्ज नहीं की गई है. ऐसे में सरगुजा संभाग के करीब 60 हजार से अधिक किसान धान बेचने से वंचित हो सकते हैं. हालांकि किसानों ने इसके लिए आवेदन दिया हुआ है, लेकिन उन आवेदनों पर भी समय रहते सुनवाई नहीं हो पा रही है.
प्रदेश भर में 7 लाख से अधिक किसान हो सकते हैं वंचित
इस मामले में अब तक सामने आए पंजीयन के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. प्रदेश भर में 7 लाख 88 हजार 66 किसान ऐसे हैं, जिनका खसरा एकीकृत किसान पोर्टल और एग्री स्टेक पोर्टल से मेल नहीं खा रहा है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी बयान दिया है.
अब सवाल यह है कि लाखों की संख्या में अगर किसान धान नहीं बेच पाएंगे तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? या फिर सरकार इसके लिए कोई दूसरा विकल्प निकालेगी? इन हालातों के कारण किसान मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. उम्मीद है कि सरकार इसे गंभीरता से लेगी और खामियों को समय रहते दूर करेगी या फिर पंजीयन की समय-सीमा बढ़ाई जाएगी.



