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बच्ची की चिंता भी सौम्या को जेल से ना बचा निकाल सकी, जमानत याचिका खारिज, आइएएस समीर बिश्नोई, आइएएस रानू साहू जेल में

बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में एसीबी ईओ डब्ल्यू की विशेष कोर्ट ने निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया है. सौम्या ने न्यायालय के सामने गुहार लगाई थी कि उनकी एक बच्ची बीमार है जिसके ईलाज के लिए उनका होना जरूरी है. इस आधार पर सौम्या ने जमानत मांगी थी लेकिन कोर्ट नही पसीजा और जेल भेज दिया.

मामले में गिरफ्तार आरोपी हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल की पुलिस रिमांड 01 जुलाई तक बढ़ा दी है. बता दें, छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 570 करोड़ कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया को विशेष अदालत ने केस डायरी अवलोकन से 25 रुपए लेवी का लाभ लेने की आशंका और जमानत का लाभ देने पर केस की जांच प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. इसके बाद अब सौम्या चौरसिया को जेल जाना पड़ेगा.

जानिए क्या है कोल घोटाला मामला
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में 570 करोड़ रुपये की अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा हुआ था. ईडी का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके. वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है, जिसपर ED के अनुसार निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया का हाथ था.

ईडी के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया था. व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे.

इस मामले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों एवं व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में सौम्या चौरसिया के अलावा सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आइएएस समीर बिश्नोई, आइएएस रानू साहू सहित कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

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