Exclusive : 200 फैक्ट्रियां बंद, रोजी रोटी का संकट, लाखों नौकरीपेशा अब सड़क पर, सीएम विष्णु देव साय बोले, उद्योगपतियों को हुई गलतफहमी, पड़ोसी राज्यों में बिजली दर 5 रुपए, छग में 7.62 रुपए : भूपेश बघेल

बिगुल
रायपुर. राजधानी की 200 फैक्ट्रियां बंद कर दी गई हैं. वहीं 600 और फैक्ट्री को बंद करने की तैयारी की जा रही है. उद्योगपति बिजली बिल में अतिरिक्त खर्च के भर के तले दबे हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चिंता उन मजदूरों की है जो दूसरे प्रदेशों से अपना पेट भरने के लिए रायपुर आए हुए हैं.
कल मंगलवार को सुबह तमाम मजदूर टिफिन, हेलमेट, जूते पहनकर फैक्ट्री तो पहुंचे. लेकिन उनके पास फैक्ट्री में कोई काम नहीं था. ये फैक्ट्री के गेट पे खड़े मजदूर कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे है. ये इसलिए खड़े है क्योंकि फैक्ट्री के अंदर कोई काम नहीं है. उरला, सिलतरा सहित प्रदेश में मौजूद लगभग 200 फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं. कुछ फैक्ट्रियों में मजदूर पहुंचे तो उन्हें गेट में ही रोक दिया गया.. सुबह से लेकर दोपहर तक वो गेट के बाहर ही बैठे रहे. कई फैक्ट्री में सुबह के शिफ्ट के मजदूर पहुंच गए थे. तो उन्हें खाली बैठने की जगह फैक्ट्री के साफ-सफाई के काम में ही लगा दिया गया.
और कई फैक्ट्रियों में मजदूर काम शुरू होने का इंतजार कर रहे थे. रायपुर उरला के सुनील इंडस्ट्रीज के बाहर लगभग 160 मजदूर सुबह से लेकर दोपहर तक इंतजार करते रहे. कई मजदूर 10 लोग और 17 लोग के परिवार में अकेले कमाने वाले है. जब विस्तार न्यूज़ मजदूरों से बातचीत की तो उनके माथे में चिंता का पसीना था. जब वह बात कर रहे थे तब दुखी नजर आ रहे थे.
उद्योग बंद होने से इन चीजों पर पड़ेगा असर
लोहे, स्टील और उद्योगों के बंद होने का असर मकान बनाने पर भी पड़ने लगा है.. घर बनाने की लागत 10 से 15 फ़ीसदी बढ़ जाएगी वर्तमान में सरिया 49 –50 हजार में मिल रहा है लेकिन हड़ताल के पहले दिन से ही सरिया की कीमत में बढ़ोतरी हुई. मार्केट में लोहे की कीमत 1 रुपए की वृद्धि उद्योग बंद होने के कारण हुई है.
उद्योगपतियों को गलतफहमी हुई है : सीएम विष्णु देव साय
इधर स्टील उद्योगों की हड़ताल पर सीएम साय ने कहा कि उद्योगपतियों को गलतफहमी हुई है. बिजली की दर 25 फीसदी नहीं 25 पैसा प्रति यूनिट बढ़ा है. उद्योगपतियों से लगातार चर्चा चल रही है..जल्द इसका सॉल्यूशन होगा. वहीं इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में बिजली दर 5 रुपए है, छग में 7.62 रुपए ले रहे हैं. कांग्रेस सरकार में उद्योगों को बढ़ावा देने का काम किया गया. कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में उद्योग बंद नहीं हुए. सरकार को बिजली दरों में वृद्धि का निर्णय वापस होना चाहिए.
स्टील प्रोडक्शन के मामले में छत्तीसगढ़ का स्थान देश में दूसरे नंबर पर आता है. यहां के स्टील की सप्लाई देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों में भी की जाती है. लेकिन अब इन उद्योगो में तालाबंदी के हालात है. हालाकि सरकार स्टील उद्योगपतियों के विरोध को गलत फहमी बता रही है. लेकिन उद्योगपति गलत फहमी से इंकार कर रहे है… अब देखने वाली बात होगी स्टील उद्योगपतियों की हड़ताल खत्म करने को लेकर सरकार क्या कदम उठाती है.



