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एक्सक्लूजिव : आईआईटी छात्रा से एसीपी ने किया दुष्कर्म, हिंदू लड़की ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया, पुलिस के बड़े अफसर बचाने में लगे, जानिए पूरी कथा

बिगुल

कानपुर. आईआईटी छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी एसीपी मोहसिन खान को लेकर उत्तर प्रदेश में नए तरह का विवाद खड़ा हो रहा है. लोगों का कहना है कि यह मामला किसी पुलिस अधिकारी से जुड़ा न होकर किसी गरीब मुस्लिम से जुड़ा होता तो पुलिस अब तक न जाने कौन-कौन से मुकदमे लगा चुकी होती. घर तोड़ देती. जेल में सड़ा देती, लेकिन मोहसिन खान पर चारों तरफ सन्नाटा पसरा है।

यूपी के कानपुर में ACP पद पर तैनात मोहसीन खान पर आरोप है कि उसने 27 वर्षीय IIT की छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया,और उसके साथ संबंध बनाए….! दोनों की IIT कानपुर में पढ़ाई के वक्त मुलाकात हुई थी!

ACP पहले से ही शादी शुदा है इस बात की भनक लगते ही छात्रा ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत कर दी..!
जिसके बाद मामला सामने आया…!

प्रकरण पर भारत समाचार के एक्स हैंडल से लिखा गया है- IIT की स्टूडेंट के साथ कानपुर पुलिस के एसीपी मोहसिन खान ने बलात्कार किया। प्रताड़ित किया। लेकिन उसे अब तक न उसे गिरफ्तार किया गया और न सस्पेंड हुआ।

मीडिया में जब से मामला उछला तो पीड़ित हिंदू छात्रा ने कोर्ट में अपना बयान भी दर्ज कराया। बलात्कार के आरोपों पर पीड़िता ने कोर्ट में खुलकर एसीपी मोहसिन खान का नाम भी लिया। बताया कि उसके पास तमाम वीडियो और ऑडियो साक्ष्य के रूप में है।

इतना सब होने के बाद भी एसीपी मोहसिन खान आजाद है और कानपुर के अफसरों के संपर्क है। आशंका जताई जा रही है कि वो सबूत मिटाने और गवाहों को अब प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।

कानपुर पुलिस बलात्कार के इस मामले में पीड़ित के साथ कम बल्कि बलात्कारी एसीपी के साथ ज्यादा दिख रही है। हाल ही में इस एसीपी को कानपुर से डीजीपी रजत पदक दिलवाया गया था।

बजरंग दल के अलावा किसी हिंदूवादी संगठन ने पीड़ित हिंदू छात्रा के लिए इंसाफ की लड़ाई नहीं लड़ी।

डीजीपी हेडक्वार्टर और गृह विभाग ने भी इस लव जिहाद की आशंका में बलात्कार के इस मामले में चुप्पी साध रखी है। देखना है कि एसीपी मोहसिन खान और उसको संरक्षण देने वाले कब तक कानून से उसे बचाएंगे।

सोशल एक्टिविस्ट ममता त्रिपाठी लिखती हैं कि किसी आम आदमी पर ऐसा आरोप लगता और गम्भीर धारा में मुक़दमा दर्ज होता तो पुलिस बिजली की फुर्ती से उसे गिरफ़्तार करके जेल भेजती, फिर क़ानूनी प्रक्रिया से निपटता वो।
मगर अपने साथी को “सेफ़ पैसेज” देकर यूपी पुलिस के बड़े अफसरों ने ACP मोहसिन खान को पूरा मौक़ा दिया कि वो कोर्ट में जाकर रिलीफ़ ले ले।

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