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किसान नेता डा राजाराम त्रिपाठी भारतीय कृषि एवं खाद्य चैंबर में सदस्य बनाए गए, पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु बने चेयरमैन

बिगुल

नईदिल्ली. भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर” (इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर – ICFA), देश की शीर्ष कृषि संस्था, ने छठ पूजा के पावन अवसर पर अपने केंद्रीय बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विशेषज्ञों और प्रगतिशील नेतृत्वकर्ताओं को शामिल किया है।

नवगठित 21-सदस्यीय इस बोर्ड का नेतृत्व प्रतिष्ठित पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु करेंगे, जिनके पास रेलवे, ऊर्जा, वाणिज्य और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है। बोर्ड में देश के प्रतिष्ठित नीति निर्माताओं, कृषि विशेषज्ञों, अकादमिक जगत के गणमान्य व्यक्तियों और प्रगतिशील किसानों का प्रभावशाली मिश्रण शामिल है।

इस बोर्ड में देश के किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को भी शामिल किया गया है। डॉ. त्रिपाठी अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक हैं और जैविक खेती, औषधीय पौधों की खेती, उच्च मूल्य फसलें, और सस्टेनेबल नेचुरल ग्रीनहाउस मॉडल के सफल विकास के लिए प्रसिद्ध हैं। वे सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (CHAMF) के चेयरमैन और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB) के सदस्य भी हैं। ICFA का सदस्य बनाए जाने पर डॉ. त्रिपाठी की नियुक्ति से विशेष रूप से बस्तर, छत्तीसगढ़ और देशभर के किसानों में प्रसन्नता का माहौल है, और एक नई आशा जगी है।

इस अवसर पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि देश में खेती तथा तथा किसान दोनों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यदि किसानों को उचित सहायता नहीं मिली, तो आने वाली पीढ़ियाँ भोजन संकट का सामना कर सकती हैं। उन्होंने पराली की समस्या के स्थायी समाधान हेतु 11-सूत्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत करने का वचन दिया, जिसे बोर्ड के सभी सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार किया तथा कहां की राम त्रिपाठी के सुझाव एवं अन्य सदस्यों से भी सुझाव लेकर इसे प्रधानमंत्री के प्रस्तुत करेगा।

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