अंतिम चरण में नक्सलवाद से लड़ाई, अमित शाह बोले- मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सल समस्या से मुक्त होगा देश

बिगुल
नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में पहुंची है। हम देश को मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज है। ये बातें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसोर्ट में नक्सल प्रभावित सात राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में कहीं।
उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में मेरे साथी नित्यानंद, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम, डीआईजी और डीआईजी उपस्थित रहे। आज की मीटिंग में छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए सभी राज्यों के डीजी और चीफ सेक्रेटरी बुलाए गए थे, क्योंकि हम छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को एड्रेस करते हुए पड़ोसी राज्यो का इको सिस्टम भी मजबूत होना जरूरी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्रगति और उसकी समस्याओं को दूर करने के संबंध में यह मीटिंग थी।
विज्ञापन
‘केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का 100% क्रियान्वयन’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का 100% क्रियान्वयन हो रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट हैं उनकी प्रगति और प्रगति के रास्ते में जो बाधायें आ रही हैं, उसे दूर करने के लिए यह बैठक थी और कल भी है।
सुरक्षा बलों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 73% और 69% की कमी आई
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की मृत्यु में 73% और नागरिकों की मृत्यु में 69% की कमी आई है। साल 2004 से 2014 तक 16 हजार 463 घटनाएं हुईं। साल 2014 से 2024 तक 7 हजार 744 घटनाएं हुईं। इनमें 53 प्रतिशत घटनाओं में कमी आई है। इसमें नागरिकों और सुरक्षा बलो की मृत्यु में पहले 10 साल में 6 हजार 617 सुरक्षाकर्मियों और नागरिक की मृत्यु हुई थी अब इसमें 70 फीसदी कमी आई है।
दो महीने के अंदर छत्तीसगढ़ सरकार लॉन्च करेंगी नक्सल पॉलिसी
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि पिछले 4 वर्ष में वामपंथी उग्रवाद के कारण करीब-करीब 17 हजार लोगों की जान गई है 70 हजार लोग चाहे वो नक्सल आंदोलन से जुड़े हो या सीएफजीएफ के जवान हो चाहे नागरिक हो 17 हजार लोगों की जान इस समस्या के कारण गई है। जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी, इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया। जिनके हाथ में हथियार हैं, उन्हें हथियार छुड़ाने का प्रयास करना और नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें इंगेज देना है। इस क्षेत्र में जो विकास का अभाव दिखाई देता था। व्यक्तिगत, क्षेत्र और गांव का विकास इन तीन चक्र में पूरे देश को विकास की दिशा में के अनुरूप एक क्रम में लाना है। इसके साथ ही एक नए लुक के साथ नक्सल पॉलिसी को छत्तीसगढ़ सरकार एक-दो महीने में लॉन्च करेगी।
शाह की नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जो वामपंथी उग्रवाद में लिप्त या जुड़े हो, सभी युवाओं से अपील है कि भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास, आपके विकास, आपके परिवार के विकास के लिए कटीबद्ध है। नक्सल की नई पॉलिसी को अच्छा प्रतिसाद दीजिए। हथियार छोड़िए और पीएम मोदी के नेतृत्व में जो विकास का रथ चल रहा है। एक नए युग का जो आगाज हो रहा है, उसे मजबूती दें। हम उम्मीद करते हैं कि हमने जो रास्ता अख्तियार किया है, उसके मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश को नक्सलवाद की समस्या से मुक्त कर देंगे।



