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चार साल में पांच कलेक्टर बदले पर सड़कों की सूरत नहीं बदली, गौरेला पेंड्रा में सड़कों के बुरे हालात, बच्चे स्कूल नही जा पा रहे, चार साल में लोग हो रहे परेशान

बिगुल
पेण्ड्रा. शहर का विकास गांव के रास्ते से होकर जाता है, और जब वही रास्ता ही खराब हो तो विकास के क्या मायने? हम बात कर रहे हैं. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बने 4 साल से अधिक का समय हो गया है, इन चार सालों में चार-पांच कलेक्टर भी बदल गए, लेकिन जिले के कुछ गांवों की तस्वीर नहीं बदली.

आज भी जिले के कई इलाकों की सड़के खस्ताहाल है, ऐसी ही एक सड़क है, हर्रा टोला-सतोकपुर गांव की सड़क, जो कि अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. सड़क इतनी खराब है कि पैदल चलना भी मुश्किल है. अब यहां के निवासियों ने कलेक्टर कार्यालय में अपने गांव की सड़क के खराब होने की शिकायत दर्ज कराई है. इन गांव वालों का कहना है कि इनके गांव से पेण्ड्रा जाने वाली सड़क जो कभी पक्की बनी ही नही है, और अब तक जो कच्ची सड़क थी. वह भी बेहद खराब हो गई है. यह सड़क इतनी खस्ताहाल हो गई कि गांव के लोगों को आने जाने में बहोत परेशानी होती है, यहां तक कि स्कूल जाने वाले बच्चे स्कूल नही जा पाते है.

गांव में सड़क की सुविधा नहीं, लोग परेशान
इस सड़क का उपयोग आसपास के 10-12 गांव के लोग करते है, सडक ख़राब होने से गांव वालों को आवागमन में परेशानी हो रही है. शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते बरसाती पानी और कीचड़ से भरे खराब व बदहाल सड़क में स्कूली बच्चे और ग्रामीण आवागमन करने को मजबूर हैं, लगातार शासन प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी आज तक सड़क नहीं बन पाई है. चूंकि आत्मानंद स्कूल उस सड़क से पास पड़ता है, इसलिए यही स्कूली बच्चों द्वारा भी यही रास्ता अपनाया जाता है, लेकिन बारिश में तो इस सड़क में चलना भी दूभर हो जाता है और गाड़ी साईकल भी उसमें चलाना आसान नही है, बच्चे गिर जाते है, चोट लग जाती है, जिस कारण आए दिन स्कूल का गेप होता है, बच्चे समय पर स्कूल नहीं जा पाते है,

गांव वालों ने बताया कि प्राईमरी स्कूल की प्रधानपाठिका भी उसी रास्ते से आना जाना करती है, रोड खराब होने के कारण कई बार स्कूटी से गिर चुकी है जिससे कई बार चोट भी लगी है और तो और बीमारी में किसी मरीज को इस सड़क से लाना ले जाना तो बहुत ही दुखदायी हो जाता है. इसलिए थक हार कर गांव वालों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है, कि इस सड़क को जल्द से जल्द बनवा दिया जाये जिससे गांव के लोगों को आने जाने में सुविधा हो सके.

इसलिए जरूरी है सड़क
मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के पेंड्रा के लिए यह शॉर्टकट मार्ग है,जो आज तक नहीं बन पाया है, जिससे बरसात के सीजन में बड़े-बड़े गड्ढों में जल भराव से सड़क में आवागमन करने वाले स्कूली बच्चे और ग्रामीण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यह सड़क मुख्य मार्ग की अपेक्षा कम दूरी का सफर तय करके पेंड्रा को जोड़ती है. जिससे आवागमन करने वाले राहगीरों को मुख्य मार्ग की अपेक्षा इस रास्ते से आने-जाने में लगभग 10 से 12 किलोमीटर की बचत होती है. वहीं दर्जनों गांव के स्थानीय लोग इस रास्ते से आवागमन करते हैं.

स्थानीय लोगों की मांग के बावजूद अनदेखी
इसलिए यहां के स्थानीय लोगों के द्वारा लगातार यह सड़क बनाने को लेकर शासन प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला । वही इस बार गांव के लोग पक्की सड़क बनाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जल्द से जल्द सड़क बनाने की मांग किया गया। शासन प्रशासन के द्वारा अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो ग्रामीणों के द्वारा उग्र आंदोलन और विरोध प्रदर्शन की बात भी कही जा रही है । अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन के द्वारा संज्ञान लेकर कब तक इस सड़क को दुरुस्त किया जाता है।

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