बेमेतरा में बंदरों की हत्या, अफसरों की उड़ी नींद, वीडियो वायरल होने के बाद जागा वन विभाग

बिगुल
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में बंदरों की हत्या का मामला सामने आया है। यह मामला थानखम्हरिया तहसील क्षेत्र के ग्राम बेलगांव का है। इस गांव में बंदरों के शव के अवशेष मिले हैं। ग्रामीणों के अनुसार इनकी संख्या 10 से अधिक है। दरअसल, कुछ दिन पहले इस गांव का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसकी जानकारी जिला प्रशासन व वन विभाग को मिली है। ऐसे में वन विभाग की टीम ने गांव का निरीक्षण किया।
बेमेतरा जिले में वन विभाग का कार्यालय नहीं है। बेमेतरा जिला दुर्ग वन विभाग के अधीन आता है। ऐसे में दुर्ग के वन विभाग के डीएफओ चंद्रशेखर शंकर सिंह परदेशी मौके पर पहुंचे थे। ग्राम कोटवार व ग्रामीणों से पूछताछ की गई। स्थल निरीक्षण के दौरान, चार बंदरों के अवशेष पाए गए। मौके पर पंचनामा कर पशु चिकित्सक से शव परीक्षण कराया गया। इस मामले में वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। यहां काले मुंह वाले बंदरों की हत्या की गई है।
25 अगस्त को कबीरधाम में भी हुई थी बंदर की हत्या
बंदर की हत्या का मामला 25 अगस्त को कबीरधाम जिले में भी सामने आया था। इस मामले में वन विभाग ने आरोपी को गिरफ्तार किया था। यह मामला ग्राम राजानवागांव के केंवट पारा का था, जहां आरोपी महेश सोनी द्वारा बंदर को मारना स्वीकार किया था। इस मामले में आरोपी के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन अपराध दर्ज किया है। घर की तलाशी लेने पर तीन नग एयरगन व 26 नग छर्रा प्राप्त हुआ था। बता दे कि ग्रामीण अंचल में वर्तमान में फसल तैयार हो रहे है। इसी फसल को बंदर नुकसान पहुंचाते हैं।



