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पूर्व आइएएस अनिल टुटेजा गिरफतारी के बाद कोर्ट में पेश, ईडी को रिमाण्ड पर सौंपा जा सकता है, ईडी ने बताया आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम

प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला सिंडिकेट का “आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम” बताया है. ईडी के अनुसार अनिल टुटेजा इस सिंडिकेट के सर्वोच्च शक्ति और नीति नियंत्रक थे. दूसरी आरे 2 बड़े शराब कारोबारियों और डिस्टलर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। सुबह ED ने गिरफ्तारी के बाद टुटेजा को कोर्ट में पेश किया।

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो दिन बाद ही इस केस में EOW की FIR को अधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई ECIR दर्ज की थी।

बता दें कि नई ECIR दर्ज होने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय अगले एक सप्ताह में शराब घोटाला केस से जुड़े लोगों पर एक्शन ले सकता है। जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी केस में नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इस दौरान शराब कारोबारियों और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

प्रवर्तन निदेशालय ने करीब सोलह पन्नों में गिरफ्तारी के आधार के रूप में कथित शराब घोटाला में अपराध क्या था, अपराध कैसे हुआ और उसमें अनिल टुटेजा की भूमिका क्या है. ये सारी बातें बताई गई है. ईडी ने इसमें यह आरोप लगाया है कि अनवर ढेबर जिसने कि यह कथित शराब घोटाला सिंडिकेट बनाकर किया. उस सिंडिकेट को सबसे बड़ी ताकत अनिल टुटेजा से मिलती थी.

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