10 लाख रुपये दो नहीं तो फंसा देंगे : पुलिस पर माारपीट और परेशान करने का आरोप, डीआरजी जवानों पर गंभीर आरोप, हाथ-पैर बांधकर आदिवासी को पीटा
बिगुल
नारायणपुर. जिले के अबूझमाड़ में एक बार फिर आदिवासियों ने पुलिस के डीआरजी जवानों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। कोंगे पांगुर इलाके में 20 मार्च की सुबह आदिवासी युवक सनकेर मेट्टामी छिंद का पत्ता तोड़ने के लिए जंगल जा रहा था। वहां पहले से ही डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी के जवान मौजूद थे।
उन्होंने सनकेर मेट्टामी को पकड़ लिया और उसका हाथ बांध दिया। इस बीच सनकेर मेट्टामी के मुंह में पत्ते ठूंसने की कोशिश की गई ताकि वह जंगल में शोर ना मचा सकें। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सनकेर मेट्टामी की पत्नी मिंगरी बाई जब अपने पति को छोड़ने की गुहार लगाने पहुंची तो डीआरजी जवानों ने उसकी भी पिटाई कर दी। जंगल में मारपीट के बीच पांगुर गांव की महिलाएं भी वहां पहुंच गई।
उन्होंने भी आदिवासी युवक को पकड़ने का विरोध किया और जवानों से कारण पूछा तब उनकी भी पिटाई की गई। इस मारपीट का शिकार हुई जिम्मी बाई, बुली बाई नुरोटी और मर्रे बाई मेट्टामी ने कहा कि डीआरजी जवानों ने बिना कारण उनके साथ मारपीट की है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध के चलते पुलिस ने सनकेर मेट्टामी को जंगल में ही छोड़ दिया और आगे बढ़ गए। सनकेर मेट्टामी के तीन बच्चे है और वह जंगल से मिलने वाले वनोपज से अपना परिवार का भरण पोषण करता है। इन आदिवासियों की आजीविका जंगल से मिलने वाले वनोपज से ही चलती है।
10 लाख रुपये दो नहीं तो फंसा देंगे
उधर कांकेर जिले के उसेली गांव के ग्रामीणों ने पुलिस पर माारपीट और परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कुछ पुलिसकर्मी गांव के लोगो को नक्सलियों के लिए काम करने का आरोप लगाकर मारपीट और प्रताड़ित करते हैं।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार की रात गांव के एक युवक को अचानक उठाकर पुलिस ले गई और उसके साथ गली-गलौच व मारपीट की गई। जिसे गांव से काफी दूर छोड़ दिया गया और उससे 10 लाख रुपये की मांग की गई है। पैसा नहीं देने पर नक्सल मामले में फ़साने की धमकी दी जा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस इस तरह से गांव में अन्य लोगों को भी परेशान कर रही है जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित है। ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में जिला मुख्यालय पहुंच कर मामले की शिकायत डीआईजी और कलेक्टर से की है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई कर गांव को सुरक्षा प्रदान की जाए।