धर्मांतरण रोकने के लिए ग्राम पंचायत का ‘अंसवैधानिक कानून’, विशेष समुदाय के लोगों ने दिया धरना, समुदाय के युवाओं ने शर्ट खोलकर किया धरना प्रदर्शन

बिगुल
जगदलपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले बस्तर में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है. जिले के ग्राम पंचायत ने धर्मांतरण रोकने के लिए 5वीं अनुसूची के नियमों का हवाला दिया और ग्राम सभा पारित कर विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ कई कठोर नियम पारित कर दिए. उनके व्यवसाय और रोजगार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
साथ ही खास समुदाय के किसी भी बाहरी व्यक्ति के गांव में घूमने पर भी रोक लगा दिया गया है. इन नियमों के विरोध में जिले के लौहंडीगुडा ब्लॉक के खास समुदाय के सैंकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. इसके चलते एक घंटे तक जगदलपुर- चित्रकोट मार्ग पर चक्का जाम लगा रहा. करीब चार घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद भी किसी अधिकारी को ज्ञापन लेने नहीं आता देख समुदाय के युवाओं ने शर्ट खोलकर विरोध प्रदर्शन किया.
नियमों को वापस लेने की मांग
इसके बाद युवाओं ने लौहंडीगुडा ब्लॉक के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. पांचवी अनुसूची के तहत उनके खिलाफ पंचायत में बनाए गए नियमों को वापस लेने की मांग की. छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी ने कहा कि लौहंडीगुडा ब्लॉक के बेलर, टाकरागुड़ा और मटनार के कई ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आदेश जारी कर संविधान के नियमों की अह्वेलना की गई.
यह आदेश भारत के संविधान के खिलाफ: भवानी
साथ ही खास धर्म के लोगों के जीवन जीने में रोक और मौलिक अधिकारों का हनन भी किया गया. ग्राम सभा में इसके लिए प्रस्ताव पारित किया गया. यह आदेश भारत के संविधान के नियमों के खिलाफ है. इस आदेश पर फौरन जांच दल गठित कर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.