हसदेव-सिंहदेव : राहुल गांधी के समक्ष हसदेव का मुददा उठा तो सिंहदेव ने साध ली थी चुप्पी! भाजपा विधायक राजेश मूणत का वीडियो वायरल
बिगुल
रायपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस में उप मुख्यमंत्री रहे टी एस सिंहदेव क्या हसदेव कोयला खदान मामले में राजनीति कर रहे हैं! क्या वे इस मुददे पर डबल स्टैण्डर्ड रखते हैं. क्या वे अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं. यह तीनों सवाल इन दिनों आम जुबान पर हैं. रायगढ़ जिले में चल रहे हसदेव आंदोलन को सिंहदेव ने समर्थन दिया है और वे कोयला खनन के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं.
हसदेव में हो रही पेड़ कटाई का विरोध स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं. इसका समर्थन करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने जोर देकर कहा कि खनन से संबंधित किसी भी गतिविधि के लिए जनता की राय मांगी जानी चाहिए. उन्होंने टिवट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से दूरभाष के माध्यम से बात कर उन्हें हसदेव अरण्य से जुड़े विरोध प्रदर्शन की ज़मीनी स्थिति से अवगत कराया।
सिंहदेव ने कहा कि जहां पुराने खदानों में उत्खनन के प्रति स्थानीय लोगों के मत विभाजित हैं, वहीं नए खदानों में माइनिंग के विरोध में पूरा आदिवासी समाज एकमत है. मुख्यमंत्री जी स्वयं सरगुजा अंचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र और समुदाय के हैं। उन्हें आदिवासी विचारधारा, संस्कृति, परंपराएं और मान्यताओं की पूरी जानकारी है। आदिवासी समुदाय के जल, जंगल, ज़मीन के प्रति प्यार, समर्पण, निष्ठा से वो पूर्ण रूप से परिचित है।
विधानसभा में सर्वसम्मति से हसदेव में नए खनन के विरुद्ध पारित प्रस्ताव का सम्मान करते हुए, सरगुजा के आदिवासी समाज के हित के लिए, उनकी इच्छानुसार, मुख्यमंत्री जी को और छत्तीसगढ़ सरकार को नए खदानों के खनन पर रोक लगानी चाहिए। इसके जवाब में वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उन्हें यह देखना चाहिए कि वनों की कटाई की अनुमति उस समय से है जब सिहंदेव की कांग्रेस सरकार सत्ता में थी. जो कुछ भी हुआ है, भले ही वह वनों की कटाई हो, उनकी अनुमति से हो रहा है.
दूसरी ओर हसदेव खनन को लेकर भाजपा विधायक राजेश मूणत ने महीनों पहले एक वीडियो पोस्ट किया था जो आज के परिप्रेक्ष्य में वायरल हो गया है. वीडियो तब का है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी देशभर में पदयात्रा पर निकले थे. उसी दौरान उनसे एक महिला पत्रकार ने साक्षात्कार करते हुए हसदेव में पेड़ कटाई और खनन का मुददा उठाया था. तब राहुल गांधी के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव भी साथ ही पैदल चल रहे थे. राहुल के सामने बघेल ने पूरी तरफ अपनी बात जोरदार तरीके से रखी.
लगभग दस मिनट तक इस मुददे पर बातचीत होती रही लेकिन सिंहदेव ने चुप्पी साधे रखी. वे चाहते तो राहुल गांधी को समझा सकते थे कि हमें हसेदव खदान देने को लेकर विरोध करना चाहिए और इसे रोकना चाहिए. तब सिंहदेव खुद सरकार का हिस्सा थे. वे चाहते तो इसकी एनओसी इत्यादि रूकवा सकते थे. चूंकि सिंहदेव क्षेत्रीय विधायक थे इसलिए अगर वे कड़ा रूख अख्तयार कर लेते तो संभवत: पेड़ों की कटाई रूक सकती थी.