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स्कूली बसों पर लगाए गए टैक्स को हाई कोर्ट ने किया खारिज, सुनाया फैसला

बिगुल
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश देते हुए स्कूली बसों पर लगाए गए भारी-भरकम टैक्स और पेनाल्टी को खारिज कर दिया. यह मामला महाशक्ति ट्रांसपोर्ट चिरमिरी की बसों से जुड़ा था, जिन्हें SECL ने कर्मचारियों के बच्चों और स्टाफ को स्कूल तक निशुल्क लाने-ले जाने के लिए किराए पर लिया था.
निजी वाहन मानकर लगाया गया टैक्स
महाशक्ति ट्रांसपोर्ट, चिरमिरी की बसों को SECL ने किराए पर लेकर कर्मचारियों के बच्चों और स्टाफ को स्कूल तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी, लेकिन परिवहन विभाग, कोरिया ने इन्हें निजी वाहन मानते हुए 30 की बजाय प्रति सीट 180 की दर से टैक्स लगा दिया और लाखों रुपये की पेनाल्टी भी थोप दी, जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि बसों का उपयोग केवल शैक्षणिक कार्यों के लिए हुआ और इन्हें एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बस के नियमों के तहत टैक्स लगाया जाना चाहिए था.