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छत्तीसगढ़ में अस्पतालों को सब्सिडी, 30 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान, कम से कम बेड की संख्या 50 तय

बिगुल
सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अब अस्पतालों को भी उद्योग का दर्जा दे दिया है। इस नीति के तहत नए एलोपैथिक, आयुष, नेचुरोपैथी और एकीकृत अस्पतालों के निर्माण पर 30% तक सब्सिडी मिलेगी। इस दिशा में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।

निर्माण लागत और बेड की न्यूनतम शर्तें
यदि किसी अस्पताल संचालक के पास स्वयं की भूमि है, तो उसे निर्माण कार्य में विभिन्न सुविधाओं को मिलाकर कुल 50% तक अनुदान प्राप्त हो सकता है। इसके लिए कम-से-कम ₹5 करोड़ का निवेश और न्यूनतम 50 बेड की सुविधा अनिवार्य होगी।

दो कैटेगरी में बांटी गई सब्सिडी

पहली कैटेगरी: ₹5 करोड़ से ₹200 करोड़ तक के प्रोजेक्ट्स पर अधिकतम ₹50 करोड़ का अनुदान।
दूसरी कैटेगरी: ₹200 करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स पर अधिकतम ₹140 करोड़ तक की सहायता राशि मिलेगी।
अगर कोई प्रोजेक्ट ₹1000 करोड़ से अधिक का निवेश करता है या 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है, तो उसे विशेष प्रोत्साहन पैकेज भी दिया जाएगा। उदाहरणस्वरूप, नवा रायपुर में बाम्बे अस्पताल को जमीन दी जा चुकी है।

सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने की रणनीति

राज्य की जीएसडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 30% और विनिर्माण क्षेत्र का 50% है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह अनुपात उल्टा है। इसी अंतर को संतुलित करने के लिए राज्य सरकार सेवा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दे रही है। अस्पतालों के साथ-साथ कॉलेजों को भी अनुदान देने की योजना बनाई गई है। दो कॉल सेंटर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।

अतिरिक्त लाभ और सुविधाएं

निर्माण पर 30% तक की सब्सिडी
रजिस्ट्री, डायवर्जन शुल्क और बिजली दरों में छूट
छत्तीसगढ़ के स्थानीय कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए एक माह का वेतन
पहले 5 वर्षों तक कर्मचारियों के पीएफ का भुगतान सरकार करेगी
अनुदान राशि 10 वर्षों में किस्तों में
सरकार अनुदान की राशि एक बार में न देकर 10 वर्षों की अवधि में चरणबद्ध रूप से देगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अस्पताल पहले पूरी तरह से कार्यशील हो और फिर सब्सिडी दी जाए।

योजना का लाभ कैसे लें

इच्छुक अस्पताल संचालकों को अपने जिले के उद्योग विभाग से योजना का आवेदन फार्म प्राप्त करना होगा। इसके साथ भूमि दस्तावेज, प्रोजेक्ट रिपोर्ट और अन्य आवश्यक कागजात संलग्न कर जमा करने होंगे। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद विभाग द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और पात्रता अनुसार सब्सिडी दी जाएगी।

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